Indore News: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शुक्रवार को जिला प्रशासन की टीम ने इंदौर के स्कीम 74 में बिना दस्तावेजों के अवैध रूप से चल रही वात्सल्यपुरम बाल आश्रम संस्था पर कार्रवाई कर सील कर दिया। भोपाल में अवैध रूप से बाल आश्रम से बच्चे गुम होने की घटना के बाद इंदौर कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग को इंदौर जिले में चल रही संस्थाओं की जांच करने के निर्देश दिए। इसके बाद शुक्रवार को जिला प्रशासन की टीम ने विजय नगर क्षेत्र के स्कीम 74 में दो-तीन वर्षों में संचालित इस आश्रयगृह पर कार्रवाई की।
एसडीएम घनश्याम धनगर, तहसीलदार कमलेश कुशवाहा, महिला बाल विकास जिला प्रोटेक्शन अधिकारी भगवानदास साहू, आशीष गोस्वामी, स्कूल शिक्षा विभाग की शांता स्वामी भार्गव एवं बाल कल्याण समिति द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई। मौके पर मिली 21 बालिकाओं को मोराई मोहल्ला स्थित शासकीय बालिका आश्रयगृह भेजा गया। बालिकाओं की उम्र सात से 15 वर्ष है।
एसडीएम घनश्याम धनगर के मुताबिक, संस्था में मिली बालिकाएं जोधपुर, सूरत, मुंबई व ओड़िशा की रहने वाली हैं। ये निराश्रित हैं और कुछ के माता ताे कुछ के पिता नहीं हैं। इस संस्था की संचालक शिखा जैन है। उनका इंदौर के अलावा जोधपुर, सूरत व कोलकाता में भी बाल आश्रय गृह संस्थाएं है। इंदौर की स्कीम 74 में संचालित संस्था का न पंजीयन था और न ही संचालक द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग या पुलिस को संस्था के संचालन की सूचना दी गई थी।
संस्था संचालक से बात हुई तो उन्होंने बेंगलुरु में होने की बात कही। मौके पर एक केयर टेकर लड़की आरती, दो स्वीपर व एक खाना बनाने वाली महिला मिली। वे संस्था के पंजीयन संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं दे पाए। न ही प्रशासन या अन्य विभागों को इसकी कोई सूचना दी गई थी। संस्था के रिकार्ड में 25 बालिकाओं की जानकारी दर्ज है। मौके पर 21 बालिकाएं ही मिली। एक बालिका बीमारी के कारण अपने स्वजनों के घर गई है। शेष तीन बालिकों में दो के स्वजनों के मोबाइल नंबर रिकार्ड में नहीं हैं। एक बालिका का पिता का नंबर जो लिखा है, उन्होंने फोन नहीं उठाया है। ऐसे में प्रशासन द्वारा इन बालिकाओं की पड़ताल भी की जा रही है।
जानकारों को मुताबिक यह संस्था इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अलग-अलग प्लेटफार्म पर निराश्रित व अनाथ बच्चों के नाम पर लोगों से फंड जुटाती है। इसके अलावा जन्मदिन व पुण्यतिथि के मौके पर भी कई लोग संस्था में आकर जरूरत का सामान व राशि दे जाते थे।
बाल आश्रय गृह संचालित करने वाली संस्थाओं को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 41 के तहत पंजीयन करवाना अनिवार्य है। उन्हें इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति, पुलिस व जिला प्रशासन को देना चाहिए। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में फिलहाल इंदौर में बाल आश्रगृह संचालित करने वाले 25 संस्थान ही पंजीबद्ध हैं।
भोपाल में हुई बिना दस्तावेजों के आश्रयगृह संचालित होने की घटना के बाद इंदौर जिला प्रशासन की टीम जागी। महिला एवं बाल विकास विभाग की यह जिम्मेदारी है कि वो नियमित अवैध रूप से चल रही ऐसी संस्थाओं पर कार्रवाई करे। वात्सल्यपुरम संस्था विगत दो वर्षों से बिना दस्तावेज के संचालित हो रही थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। अब कलेक्टर के निर्देश पर जांच करने निकले तो संस्थान की खामी पकड़ में आई।