Indore News : इंदौर (र्नइदुनिया प्रतिनिधि)। दो दशक से ज्यादा समय से स्थानीय सत्ता से दूर कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है, लेकिन पार्टी की अंदरुनी कलह थम नहीं रही है। शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष जया तिवारी ने स्थानीय नेताओं पर असहयोग और तिरस्कार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ से भी शिकायत की है। गुरुवार को भोपाल में नाथ सहित वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में होने वाले संभागीय सम्मेलन में यह मामला उठने की संभावना है।
नगर निगम चुनाव से पहले तिवारी को शहर महिला कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी। इसके बाद से ही तिवारी का स्थानीय स्तर पर विरोध शुरू हो गया था। कुछ महिला नेत्रियों ने उन्हें हटाने की मांग करते हुए मुंह काला करने तक की धमकी दी थी। इसके बाद संगठन ने मामला दबाने का प्रयास किया और विरोध करने वाली नेत्रियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई। वे ही नेत्रियां अब पार्टी के कार्यक्रमों में आगे खड़ी दिखती हैं। 15 अगस्त को हुए कार्यक्रम में तिवारी को बोलने का मौका नहीं मिला, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर हुए कार्यक्रम में भी उन्हें तवज्जो नहीं मिली।
शहर अध्यक्ष नहीं देते निमंत्रण - संगठन की अनदेखी से दुखी तिवारी ने बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री नाथ से भोपाल में मुलाकात कर उन्हें जानकारी दी। नाथ ने तिवारी से राखी बंधवाई और उनकी बात सुनी। सूत्रों के अनुसार तिवारी ने बताया कि शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों के लिए शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल द्वारा आधिकारिक निमंत्रण नहीं मिलता है। कई बार मीडिया के जरिये कार्यक्रम की सूचना मिलती है। कई माह बीतने के बावजूद न तो पार्टी कार्यालय में अलग कमरा मिला है और न ही नाम पट्टिका लगी है। महिलाएं मुझसे मिलने आती हैं तो उन्हें बैठने की जगह नहीं है। उन्होंने शहर में पार्टी के विभिन्ना गुटों पर भी अंगुली उठाई, जो असहयोग करते हैं। नाथ ने उन्हें खुलकर पार्टी के लिए काम करने को कहा है और स्थानीय नेताओं से पूरी जानकारी मांगी है।
बाकलीवाल बोले- हर कार्यक्रम में बुलाते हैं - तिवारी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष नाथ से मैंने चर्चा कर शहर में संगठन की जानकारी दी है। शिकायतों के बारे में पूछने पर उन्होंने खंडन तो नहीं किया, लेकिन कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। वहीं शहर अध्यक्ष बाकलीवाल ने कहा कि हम उन्हें हर कार्यक्रम में बुलाते हैं और बोलने का भी मौका देते हैं। वे स्वयं कई कार्यक्रमों में नहीं आती हैं। गांधी भवन में किसी का भी अलग कमरा आवंटित नहीं है, इसलिए उन्हें नहीं मिला।