Indore News: इंदौर। नईदुनिया प्रतिनिधि। जंगल की निगरानी करने वाले वनकर्मियों को अब कोरोना की विशेष ड्यूटी में लगा दिया है। ज्यादातर वनकर्मी संक्रमण को लेकर घबराए हुए है। आदेश मिलते ही वनकर्मी नाराज है। कारण यह है कि पिछले साल ड्यूटी करने के बावजूद वनकर्मियों को फ्रंटलाइन वारियर नहीं माना है। इसके चलते युवा वनकर्मियों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। मामले वनकर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों के सामने विरोध जता दिया है। उधर कुछ लोगों ने ड्यूटी से नाम वापस लेने के लिए आवेदन भेज दिया है।
इंदौर वनमंडल में कोरोना को लेकर ड्यूटी लगाने के लिए वनकर्मियों की सूची बनाई है, जिसमें से कुछ लोगों को जंगल से हटा दिया है। लगभग 80 से ज्यादा वनकर्मियों को ड्यूटी के लिए चुना है, जिसमें 15 मई तक 50 लोगों की सूची बनी है। अभी तक 35 वनकर्मियों को अलग-अलग स्थानों पर ड्यूटी के लिए भेज दिया है। वनकर्मियों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि अधिकांश वनकर्मियों को टीका नहीं लगा है।
जबकि टीकाकरण के लिए दो मर्तबा वन संरक्षक और मुख्य वन संरक्षक के सामने आवेदन भी दिया था। मगर कुछ अधिकारियों के मुताबिक वन विभाग के कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वारियर नहीं माना है। यहां तक टीकाकरण का शिविर आयोजित नहीं हुआ। अब वनकर्मी ड्यूटी करने में घबरा रहे है। युवा कांग्रेस के महसचिव अभिजीत पांडे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा। सीसीएफ एसएस मोहंता का कहना है कि प्रशासन को पत्र लिखा, जिसमें वनकर्मियों के दोनों डोज होने के बाद ड्यूटी लगाने पर जोर दिया है। अभी कुछ लोगों को भेजा है। वहीं 50 से ऊपर वाले वनकर्मियों को कुछ बीमारियां है। वे ड्यूटी करने से बच रहे है।
आगजनी की बढेंगी घटनाएं
गर्मी के चलते जंगल में आगजनी की घटनाएं होती है। अगर स्टॉफ को जंगल से हटा दिया है तो घटनाएं बढ़ सकती है। इसके लिए कुछ वनकर्मियों ने भी वरिष्ठ अधिकारियों को बोला है। इसके लिए उन्हें थोड़े दिन बाद ड्यूटी करने का बोला है।