Indore News: शोध आधारित चार पुस्तकों का लोकार्पण और पुस्तक चर्चा
अच्छे शोध पूरे विश्व की अनमोल धरोहर होते हैं। इन्हें पुस्तकों के रूप में लाना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता होना चाहिए।
By gajendra.nagar
Edited By: gajendra.nagar
Publish Date: Sat, 04 Sep 2021 12:54:18 PM (IST)
Updated Date: Sat, 04 Sep 2021 12:54:18 PM (IST)

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Indore News। आज के कठिन समय में भाषा को सहेजने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हो रहे है। कला, साहित्य और संस्कृति के लिए शोध अध्ययन को आज के शोधार्थियों द्वारा आत्मसात किया जा रहा है। यह शुभ संकेत है। समाज को आज ऐसे शोध की आवश्यकता भी है जो समाजजनों को नई दिशा दे सके। समाज और साहित्य का संबंध बना रहना चाहिए। इसलिए हमें आज नए-नए शोध की जरूरत भी है। नए शोध से आने वाली पीढ़ी को संरक्षण भी मिलेगा। इस दिशा में पाडकास्ट नया प्रयोग है जिसे आज प्रयोग में लाने की आवश्यकता है। आज के कठिन समय में शब्दों को बचाना होगा इसके लिये प्रयोग किये जाने चाहिए।
यह विचार इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मास कम्यूनिकेशन नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। प्रो. द्विवेदी शोध आधारित पुस्तकों के वर्चुअल लोकार्पण व पुस्तक चर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राजेश दीक्षित द्वारा लिखित पुस्तक और अन्य साहित्य व शोध पर चर्चा की गई। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के पत्रकारिता एवं जन संचार अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डा. सोनाली नरगुंदे, डा. मनीष काले, द्वारा लिखित शोध आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की डा. मेघना राय द्वारा लिखित रीतिकाल के महत्वपूर्ण लेखक मतिराम के रसराज का आलोचनात्मक अध्ययन का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्व रंग के अंतर्गत रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल, वनमाली सृजन पीठ भोपाल एवं आइसेक्ट पब्लिकेशन द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि संतोष चौबे ने की। उन्होंने कहा कि समाजपरक, विद्यार्थीपरक अच्छे शोध प्रबंध को पुस्तक के रूप में प्रकाशित होना ही चाहिए। इससे पूरे देश सहित वैश्विक स्तर पर इस दिशा में कार्यरत एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों-शोधार्थियों को रचनात्मक लाभ प्राप्त होगा। अच्छे शोध पूरे विश्व की अनमोल धरोहर होते हैं। इन्हें पुस्तकों के रूप में लाना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता होना चाहिए।