नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। बड़ा गणपति की सड़क पर लोगों को रौंदते हुए निकले ट्रक को आखिर किस अधिकारी या नेता की सिफारिश पर शहर में घुसने की अनुमति मिली। हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा ने यह सवाल पूछा लेकिन लेकिन शासन के वकीलों ने चुप्पी साध ली। कोर्ट के सामने तथ्य रखे गए थे कि पांच ट्रेफिक सिग्नल को पार करता हुआ बड़ा गणपति तक पहुंचा था। इससे पहले एक जगह पुलिसकर्मी ने ट्रक को रोका भी था लेकिन किसी से फोन पर बात करने के बाद उसे आगे जाने के लिए छोड़ दिया गया।
अब हाई कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और उस उच्चाधिकारी की जानकारी भी मांगी है जिसके कहने पर एयरपोर्ट रोड से बड़ा गणपति की ओर जाने के लिए ट्रक को अनुमति दी गई थी।इस ट्रक की चपेट में आए चार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12 लोग घायल हैं। कोर्ट ने ट्रक की एंट्री के सीसीटीवी फुटेज भी लिए हैं। चीफ जस्टिस ने इस प्रकरण पर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एमिकस (न्याय मित्र) के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शरण को नियुक्ति किया था।
शरण ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में बताया कि हादसे से पहले ट्रक पांच ट्रेफिक सिग्नल पार कर चुका था। चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले में सामने आई खबरों से पता चला है कि ट्रक को ट्रेफिक संभालने की ड्यूटी पर तैनात एक अधिकारी ने रोका था लेकिन एक फोन आने के बाद उसे आगे जाने के लिए छोड़ दिया गया। इसी मामले में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश ईनानी ने भी इंटरविनर बनते हुए याचिका दायर की।
ईनानी ने सवाल उठाए कि हादसे के बाद प्रशासन ने भी बिना सोचे-समझे कदम उठाए।शहर में वाहनों की एंट्री को लेकर मनमाने नियम लागू कर दिए। इस संबंध में ना तो जनप्रतिनिधियों से सलाह लेने की जरुरत समझी ना ही नागरिकों से राय ली। कोर्ट ने प्रकरण पर अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तारीख तय की है। अगली सुनवाई जबलपुर स्थित हाई कोर्ट की मुख्य पीठ में ही होगी।
कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए हादसे पर सुनवाई शुरू की है। इस बीच पुलिस भी अपने स्तर पर हादसे की जांच में जुटी है। अब तक जांच रिपोर्ट या निष्कर्ष सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि पुलिस की जांच में अब तक कागजों पर सब गोल-मोल घूम रहा है। ट्रेफिक पुलिस के अधिकारियों के साथ घटना वाले दिन मौके पर तैनात रहने वाले बल के लोगों ने भी बयानों में एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल दी है। इस बीच किस नेता या अधिकारी के फोन पर ट्रक को छोड़ा गया था इस कोण पर तो बयान और पूछताछ भी नहीं की जा रही।