Indore News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर-खंडवा रोड को फोरलेन करने का काम तेजी से चल रहा है। इसके बनने के बाद इंदौर से खंडवा के बीच की दूरी 10 किलोमीटर कम हो जाएगी। फोरलेन निर्माण में सुरंग और ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इसमें डिवाइडर की चौड़ाई तीन मीटर तक रखी जा रही है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इस जगह पर एलिवेटेड रेल लाइन निकाली जा सके।
शनिवार को सांसद शंकर लालवानी ने सिमरोल के पास बन रही सुरंग (टनल) का दौरा किया। उनके साथ नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया के स्थानीय अफसर भी थे। लालवानी ने बताया कि मैंने सुरंग के अंदर जाकर तकनीक को समझा। एनएचएआइ की कार्यवाही के बारे में जाना और सुरंग के काम को तेजी से कैसे पूरा किया जाए, इस पर चर्चा की। प्रोजेक्ट में आ रही परेशानियों को भी जाना। यहां पास में रहवासी इलाका होने से सुरंग निर्माण के लिए धीरे-धीरे विस्फोट किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को परेशानी ना हो।
सांसद लालवानी ने बताया कि इस सुरंग का काम तेजी से चल रहा है। इसके बनने के बाद खंडवा और इंदौर की दूरी तो कम होगी ही, यातायात भी सुगम होगा। हादसों और जाम से भी मुक्ति मिलेगी। प्रोजेक्ट में पर्यावरण का ध्यान रखते हुए योजना बनानी बड़ी चुनौती थी, लेकिन सुरंग बनाने से 12 हजार पेड़ कटने से बच जाएंगे। एनएचएआइ द्वारा बनाई जा रही ये सुरंग आधुनिक इंजीनियरिंग का नायाब उदाहरण है, जहां पर्यावरण को बचाकर योजना बनाई गई है।
इंदौर। खंडवा रोड पर आए दिन होने वाले हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने 67 अस्थायी परिमट वाली बसों की गति को नियंत्रित किया है। इंदौर से खंडवा के बीच 130 किमी की दूरी के लिए पांच घंटे के अंतराल पर अस्थायी परमिट जारी किए गए हैं। पहले बसों की औसत गति 40 किमी प्रति घंटा थी, लेकिन इसको कम करते हुए 26 किमी प्रति घंटा औसत गति की गई है। गति कम करने से लोग समय पर अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
इंदौर से खंडवा के बीच पुरानी रेल लाइन को उखाड़ दिया गया है। ऐसे में इंदौर-खंडवा के बीच सड़क मार्ग ही आने जाने का माध्यम बचा है। इंदौर-खंडवा के बीच बसों के 210 परमिट परिवहन विभाग ने जारी किए हैं, इसमें 67 अस्थायी परमिट हैं। आरटीओ प्रदीप कुमार शर्मा का कहना है कि दुर्घटनाएं रोकने के लिए अस्थायी परमिट वाली बसों के समय में बदलाव किया है, इससे संचालकों को बस संचालन करने में पर्याप्त समय मिलेगा और ओवर स्पीड रुकेगी। परिवहन विभाग ने अस्थायी परमिट की बसों का समय बदला है, जबकि करीब 143 स्थायी परमिट की बसों का समय पूर्व की भांति ही रखा गया है। इन बसों का समय 4 से 4.30 घंटे का है।
खंडवा रोड पर हादसे रोकने के लिए कुछ माह पहले अधिकारियों और बस आपरेटरों की समिति ने दौरा कर रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें 17 स्थान ऐसे चिह्नित किए गए थे, जहां पर संकेतक और रेलिंग लगाई जानी थी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को संकेतक लगाने थे, लेकिन अब तक नहीं लगाए गए।