Indore News: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। नगर निगम हाई कोर्ट में बता ही नहीं पा रहा है कि केंद्र द्वारा निर्धारित रकम से साढ़े तीन गुना ज्यादा वसूली करने के बावजूद वह शहर की जनता को वे आठ सुविधाएं उपलब्ध क्यों नहीं करवा पा रहा जिनके नाम पर वसूली की जा रही है।
इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में नगर निगम बार-बार जवाब के लिए समय ले रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर नगर निगम की परीक्षा होगी। देखना यह है कि क्या नगर निगम इस जनहित याचिका में शुक्रवार को जवाब प्रस्तुत करता है या एक बार फिर इसके लिए समय ले लेगा।
यह है मामला
हाई कोर्ट में चल रही इस जनहित याचिका में कहा है कि नगर निगम सड़क, पानी, स्ट्रीट लाइट, सफाई, यातायात प्रबंधन, स्टार्म वाटर लाइन, सीवरेज, लोक परिवहन के नाम पर केंद्र द्वारा निर्धारित रकम से साढ़े तीन गुना वसूली कर रहा है। इन आठ सुविधाओं में से चार सेवाएं जनता को आधी-अधूरी ही मिल रही हैं, जबकि बाकी चार सेवाओं का तो शहर में अता-पता ही नहीं है।
याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी का कहना है कि केंद्र ने उपरोक्त आठ सुविधाओं के लिए अधिकतम 1806 रुपये निर्धारित किए हैं। यानी नगर निगम को नागरिकों से अधिकतम 1806 रुपये लेकर उन्हें यह सुविधाएं उपलब्ध करवाना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। वर्तमान में इंदौर नगर निगम इन सुविधाओं के लिए 6299 रुपये खर्च कर रहा है जबकि आमजन से इन सुविधाओं के बदले में 6513 रुपये वसूल रहा है।
याचिका में यह मुद्दा भी उठाया गया है कि नगर निगम को टैक्स के रुप में मिलने वाली एक बड़ी रकम केंद्र के पास लंबित है। अगर उस रकम को जारी कर दिया जाए तो निगम के साथ-साथ आमजन को भी राहत मिल सकती है।