Indore News : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर के पीपल्याहाना तालाब के पास बन रही जिला न्यायालय की नई इमारत चार साल बाद भी अधूरी है। कभी महामारी की वजह से तो कभी लागत बढ़ने की वजह से इसका काम अटकता रहा है। इमारत कब पूरी होगी, यह अब भी स्पष्ट नहीं है। नए जिला न्यायालय परिसर में ही वकीलों के लिए चैंबर भी बनाए जाना हैं। ये चैंबर कहां होंगे और इनका क्षेत्रफल कितना होगा, यह अब तक स्पष्ट नहीं है। अब तक यह भी किसी को नहीं पता कि जिला न्यायालय की नई इमारत तैयार होने के बाद वर्तमान जिला न्यायालय परिसर का क्या होगा। हर वर्ष इंदौर अभिभाषक संघ के चुनाव से पहले जिला न्यायालय की नई इमारत का मुद्दा उठता है लेकिन चुनाव के बाद हालत जस के तस हो जाते हैं।
वकीलों का जमा है पौने दो करोड़ रुपया
जिला न्यायालय के नए परिसर में ही वकीलों के लिए चैंबर भी बनाए जाना हैं। चार वर्ष पहले इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराए गए थे। रजिस्ट्रेशन के रूप में वकीलों को 10 हजार रुपये जमा कराना थे। 1700 से ज्यादा वकीलों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। यह रकम करीब पौने दो करोड़ रुपये होती है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद से अब तक वकीलों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई कि चैंबर कब बनेंगे और उनका क्षेत्रफल क्या होगा। चैंबर आवंटन की प्रक्रिया के बारे में भी किसी को कुछ पता नहीं है।
लंबे विरोध के बाद शुरू हुआ था काम
जिला न्यायालय की नई इमारत का काम लंबे विरोध के बाद शुरू हो सका था। कई वकील अब भी इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिला न्यायालय की वर्तमान इमारत शहर के मध्य में है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से जिला न्यायालय की दूरी इतनी है कि कोई भी व्यक्ति पैदल पहुंच सकता है। जिला न्यायालय पीपल्याहाना चला गया तो आम लोगों के लिए वहां तक पहुंचना मुश्किल और महंगा हो जाएगा। कई वकील जिला न्यायालय और हाई कोर्ट दोनों जगह प्रैक्टिस करते हैं। वर्तमान में दोनों ही परिसर करीब-करीब हैं। जिला न्यायालय के पीपल्याहाना शिफ्ट होने के बाद वकीलों के लिए एक साथ दोनों जगह प्रैक्टिस करना मुश्किल हो जाएगा।