इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि), Indore News। सीएमएचओ डा. पूर्णिमा गाडरिया और कोविड नोडल अधिकारी डा. अमित मालाकार ने शुक्रवार को शहर के प्रमुख निजी अस्पताल व निजी लैब के प्रतिनिधियों की बैठक ली। इसमें अस्पतालों ने जहां आठ वृद्धाश्रमों को गोद लेने पर सहमति जताई, वहीं निजी लैब से अनुरोध किया कि वे वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों की मुफ्त जांच करें। इस बैठक में जिन लैब के प्रतिनिधि शामिल नहीं हो सके थे, उन्होंने भी सेवाएं पर देने पर सहमति दी है। उल्लेखनीय है कि शहर में आठ वृद्धाश्रमों में करीब 321 बुजुर्ग रहते हैं। अभी तक वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों की तबीयत यदि खराब होती थी तो आश्रम संचालक इन्हें इलाज के लिए एमवाय अस्पताल या जिला अस्पताल लेकर जाते थे।
अब वृद्धाश्रम के समीप के निजी अस्पतालों व जांच केंद्रो में इनके लिए मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध मिलने पर वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों व इनके संचालकों को इलाज कराने में आसानी होगी। आठ वृद्धाश्रमों के लिए आठ निर्धारित अस्पतालों में इमरजेंसी व मेडिकल सेवाएं व रूटीन सेवाओं के लिए दो-दो पलंग आरक्षित करने पर अस्पतालों ने भी सहमति जताई है।
ये निजी लैब देंगे मुफ्त जांच की सुविधा
सोडानी डायग्नोस्टिक, सेंट्रल लैब, त्रिवेणी डायग्नोस्टिक, धन्वंतरि लैब, शिवानी डायग्नोस्टिक, एश्वर्या पैथालाजी, विशेष डायग्नोस्टिक, थायो केयर, एडवांस डायग्नोस्टिक।
नशा करने वाले भिक्षुक न रैन बसेरा जाने को तैयार, न अस्पताल
निराश्रित बुजुर्गों को निगम कर्मचारियों द्वारा अमानवीय तरीके से शहर से बाहर छोड़ने की घटना के बाद मेडिकल और प्रशासन का अमला इनकी खैर-खबर लेने में जुटा है। ऐसे बुजुर्गों को निशुल्क इलाज की सुविधा देने के लिए भी कई अस्पताल आगे आए हैं, लेकिन ये बुजुर्ग रैनबसेरों और अस्पतालों में जाने के लिए तैयार नहीं हो रहे। सबसे ज्यादा परेशानी फुटपाथ पर रहकर भीख मांगने वालों को अस्पताल ले जाने में आ रही है। नशा करने वाले भिक्षुक तो किसी हालत में अस्पताल जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं। पिछले पांच दिन में अरबिंदो अस्पताल में फुटपाथ पर भीख मांगने वाले 7 निराश्रित व बुर्जुगों को लाकर इलाज किया जा रहा है। इसमें तीन बुजुर्ग वे भी हैं जिन्हें निगम के दस्ते ने शहर से बाहर भेज दिया था। अरबिंदो अस्पताल के जनरल मैनेजर राजीव सिंह के मुताबिक रैनबसेरों वाले निराश्रितों व बुजुर्गों को अस्पताल में लाने के लिए हमने तीन बार मेडिकल टीम को भेजा, लेकिन वे आने को तैयार नहीं हो रहे थे। बुधवार को मुश्किल से तीन लोगों को अस्पताल लाया गया। इनमें 50 वर्षीय रामू व साथ में रहने वाली बुजुर्ग महिला जांच करवाने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। उन दोनों को नशे की आदत है, वो स्टाफ से तंबाकू व शराब मांगते हैं।
आज आ सकती है बुजुर्गों के मामले में जांच रिपोर्ट
बीमार-गरीब बुजुर्गों को इंदौर शहर से बाहर करने के मामले में नगर निगम द्वारा की गई विभागीय जांच रिपोर्ट शनिवार को आ सकती है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर निगम के अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर ने जांच की है। 28 जनवरी को इंटरनेट मीडिया में शिप्रा के पास का एक वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया था। इसमें कुछ निगमकर्मी बीमार बुजुर्गों को अमानवीय तरीके से गाड़ी में चढ़ाते-उतारते दिख रहे थे। इस पर राष्ट्रीय नेताओं ने प्रदेश सरकार और निगम के रवैए पर सवाल उठाए थे। बाद में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर निगम के उपायुक्त प्रतापसिंह सोलंकी को निलंबित कर भोपाल अटैच कर दिया गया और रैनबसेरा के दो कर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। निगमायुक्त ने 'नईदुनिया' से चर्चा में बताया कि शनिवार को जांच रिपोर्ट आएगी। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।