इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि,Indore News। युवाओं के हुनर को निखारने के लिए यूं तो कई आयोजन होते हैं, पर शहर में एक ऐसा आयोजन हुआ जिसका उद्देश्य 35 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मंच प्रदान करना, उनके हुनर को दुनिया के सामने लाना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना था।
सनातन संग्रहालय द्वारा एक कैफे में 'नवपथ" कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में उन लोगों ने भाग लिया जो भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने लिए वक्त निकालना भूल से गए हैं और इसके चलते वे अपनी प्रतिभा को दूसरों के समक्ष जाहिर नहीं कर पा रहे हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत उषा पानेरी ने मां सरस्वती की आराधना से की। इसके बाद 48 वर्षीय विम्मी सलूजा एवं 48 वर्षीय कुलवंत कौर ने पंजाबी बोलियां व गिद्दा प्रस्तुत किया। विम्मी सलूजा ने बताया कि पंजाबी बोलियां गाना सहज नहीं और समय के साथ यह कला लुप्त होती जा रही है। 57 वर्षीय डॉ. ममता ओझा ने गीत 'प्यार दीवाना होता है मस्ताना होता है" गीत सुनाया और बताया कि जीवन में हमें छोटी-छोटी बातों में खुशियां तलाशते आना चाहिए। 51 वर्षीय वर्षा शास्त्री ने कविता सुनाई। 60 वर्षीय अदिति सहस्रबुध्दे ने स्त्री पर आधारित रचना सुनाई। उन्होंने बताया कि वह पहली बार मंच पर प्रस्तुति देने आई।
आयोजन में केवल गीत, कविता का ही सिलसिला नहीं चला बल्कि योग की भी बात हुई। 51 वर्षीय विनीता शर्मा ने भूनमनासन, पूर्णधनुरासन, चक्रासन आदि कई कठिन आसन करके बताए। बात यहीं खत्म नहीं हुई 70 वर्षीय कुसुम मंडलोई ने भी मंचीय प्रस्तुति देते हुए मालवी बोली की मिठास बयां की। उन्होंने मालवी बोली के लोकगीत सुनाए। 68 वर्ष की सविता व्यास ने भजन सुनाया तो 36 वर्षीय लविना पानेरी ने पंजाबी लोकनृत्य प्रस्तुत कर दाद बटोरी। चित्रकारी का हुनर भी यहां देखने को मिला। 49 वर्षीय हेमलता केसरी ने पांच मिनट में पेंटिंग बनाई। आयोजन में कई प्रतिभागियों ने उम्दा प्रस्तुतियां दी। संचालन ऋक्षमहिषी ने किया। आभार द्विजराज ने माना।