इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Indore News। बुधवार को एमवाय अस्पताल में देवास की गर्भवती महिला कविता पति सुरेश ने एक ऐसे बच्चे को जन्म दिया जिसके दो धड़ और दो सिर थे। जन्म के पश्चात ही बालक की मृत्यु हो गई। डॉ सुमित्रा यादव व उनकी टीम ने इस बालक की नार्मल डिलीवरी करवाई थी। हॉस्पिटल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार बच्चे जन्म देने वाली मां स्वस्थ है। डॉक्टर यादव के मुताबिक 1993 में एमवाय अस्पताल में इसी तरह के एक नवजात के जन्म लेने का केस सामने आ चुका है। 50 हजार से 1 लाख केस में एक इस तरह का केस सामने आता है।
देवास की इस महिला के पहले से चार बच्चे है, यह पांचवा बच्चा था। डॉक्टर के अनुसार, महिला ने गर्भावस्था के दौरान जब भी जांच करवाई होगी उसे गर्भ में पल रहे इस बालक की विकृति का पता नहीं चला होगा। हमारे पास जब महिला आई तो उसे लेबर पेन हो रहे थे। बच्चे की दिल की धड़कनें भी नहीं चल रही थी। दो धड़ और सिर होने के कारण नवजात की चौड़ाई ज्यादा होने से नार्मल डिलीवरी करवाना मुश्किल था लेकिन सभी के प्रयास से यह संभव हुआ। महिला के पहले से 4 बच्चे है। ऐसे में हम अब उसे नसबंदी करवाने की सलाह देंगे।
एमवायएच में बुधवार को जब इस नवजात का जन्म हुआ तो डॉक्टर के साथ परिजनों को भी हैरानी हुई। गौरतलब है कि अक्सर इस तरह के केस में नवजात की मृत्यु हो जाती है लेकिन अमेरिका में 7 मार्च 1990 में इसी तरह दो सिर वाली बालिका का जन्म हुआ था और वो जीवित रही थी।उस समय डॉक्टरों ने इनके ज्यादा दिन तक जीवित न रहने की संभावना जताई थी।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नीरजा पुराणिक के मुताबिक ऐसे नवजात कंजाइन ट्विन्स कहलाते है। ये एक ही मेम्ब्रेन से बने होते है। इस वजह से गर्भ में बच्चे के पूर्ण अंग विकसित नहीं हो पाते है। यही वजह है कि इस बच्चे के सिर और धड़ दो है।