Indore Pune Train : अमित जलधारी, इंदौर (नईदुनिया)। रेलवे बोर्ड ने इंदौर-पुणे ट्रेन बंद कर उसे इंदौर-दादर के बीच चलाने का आदेश जारी कर दिया। आदेश बाहर आते ही हड़कंप मचा तो अफसरों ने यह कहकर सफाई देना शुरू कर दिया कि प्रिंटिंग मिस्टेक की वजह से गफलत हुई, लेकिन शहर के रेलवे विशेषज्ञ इसे साजिश मान रहे हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तो इस मामले में रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर आपत्ति भी दर्ज करवाई है। रेलवे का यह आदेश 20 जुलाई को जारी हुआ है। इसमें कहा गया है कि नई समय सारणी के तहत इंदौर-पुणे ट्रेन को अब पुणे के बजाय दादर तक ही चलाया जाए। आदेश में ग्वालियर-पुणे ट्रेन को भी पुणे के बजाय दादर से चलाने की बात कही गई है। आदेश आने के बाद पश्चिम रेलवे के अफसर हैरान हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि इंदौर-पुणे जैसी अत्यधिक सफल ट्रेन को एकाएक बंद कर दादर से चलाने की क्या जरूरत आन पड़ी है?
वर्तमान में इंदौर-पुणे ट्रेन दो अलग-अलग नंबरों से संचालित की जाती है। सप्ताह में पांच दिन यह ट्रेन 22943/22944 और 19311/19312 नंबर से चलती है। पांच दिन चलने वाली ट्रेन सुपरफास्ट श्रेणी की ट्रेन है जबकि दो दिन चलने वाली ट्रेन एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेन है। इंदौर ही नहीं, देवास, उज्जैन, नागदा और रतलाम के यात्रियों के लिए भी यह ट्रेन बेहद उपयोगी है। रेलवे मामलों के विशेषज्ञ नागेश नामजोशी के मुताबिक वर्षों के प्रयासों के बाद इंदौर-पुणे ट्रेन 2001 में शुरू हो पाई थी। तब ट्रेन को सप्ताह में एक दिन चलाया गया था। धीरे-धीरे तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के प्रयासों से यह सुविधा नियमित हुई। ट्रेन की उपयोगिता खुद रेल अधिकारी जानते हैं। ज्यादातर समय ट्रेन की सभी श्रेणियों में कन्फर्म टिकट नहीं मिलता। इसे पुणे के बजाय दादर से चलाने का फैसला किसी भी रूप में मान्य नहीं किया जा सकता।
तत्काल वापस लिया जाए निर्णय
इंदौर-पुणे ट्रेन को दादर से चलाने के आदेश से नाराज महाजन ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को कहा है कि ऐसा लगता है कि कोई अधिकारी जानबूझकर इंदौर की सुविधाएं बंद कर रहा है। उन्होंने आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि पहले इंदौर-दाहोद रेल परियोजना का काम बंद किया गया। फिर इंदौर-अजमेर-जयपुर लिंक एक्सप्रेस को बंद किया गया। अमरकंटक एक्सप्रेस को इंदौर तक बढ़ाने में अड़ंगे डाले जा रहे हैं और अब इंदौर-पुणे ट्रेन को दादर तक चलाने का फैसला लेना समझ से परे है। मुंबई के लिए पहले से दो ट्रेन हैं और एक निजी ट्रेन चलना प्रस्तावित है। फिर पुणे ट्रेन को दादर ले जाने का क्या औचित्य है? उन्होंने कहा है कि इंदौर और पुणे जुड़वां भाई जैसे हैं। सामाजिक, आर्थिक तौर पर जुड़ाव के अलावा आइटी क्षेत्र के कई लोग इंदौर से पुणे आते-जाते हैं। ऐसा निर्णय तत्काल वापस लेना चाहिए।
प्रिंटिंग की गलती है, ठीक करवाया जा रहा है
इंदौर-पुणे ट्रेन को दादर तक चलाने संबंधी आदेश प्रिंटिंग की गलती से जारी हुआ है। मंडल के अफसरों ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से इस संबंध में मौखिक बात की है। वहां से कहा गया है कि गलती सुधारकर नया आदेश जारी किया जाएगा। इस संबंध में रतलाम रेल मंडल भी औपचारिक रूप से बोर्ड को चिट्ठी लिखकर नया आदेश जारी करने का आग्रह कर रहा है। -विनीत गुप्ता, डीआरएम, रतलाम रेल मंडल