नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर से राघौगढ़ तक बनने वाली 28 किमी लंबी ग्रीन फील्ड सड़क का निर्माण कार्य किसानों के विरोध के कारण बीच में रुक गया। यह सड़क इंदौर-बैतूल हाईवे से जुड़कर प्रदेश की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। सड़क को जुलाई 2026 तक पूरा करना है, लेकिन कनाड़िया तहसील के बेगमखेड़ी गांव में करीब 600 मीटर हिस्से में किसानों ने एनएचएआई को काम करने से रोक दिया।
अवार्ड पारित होने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सड़क का अलाइनमेंट कुछ बदल दिया, जिससे किसानों की अतिरिक्त जमीन इसमें जाने लगी। किसानों ने इसका विरोध करते हुए काम रुकवा दिया।
एमआर-10 बायपास से राघौगढ़ तक बनने वाली ग्रीन फील्ड सड़क की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने और मुआवजा मिलने के बाद एनएचएआई ने अचानक सड़क का अलाइनमेंट बदल दिया। इससे पांच किसानों की करीब 12-12 मीटर अतिरिक्त जमीन सड़क निर्माण में शामिल हो गई। पहले ही उनकी 60 मीटर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी थी और उसका भुगतान भी हो चुका है।
किसानों का कहना है कि अगर नई जमीन ली जाती है, तो पहले अधिग्रहित की गई जमीन में से 12 मीटर जमीन लौटाई जाए। कनाड़िया तहसीलदार शेखर चौधरी का कहना है कि किसानों को समझाने के बाद स्थिति सामान्य हो गई है। अब किसान अपनी अतिरिक्त जमीन देने को तैयार हैं और उन्हें मुआवजा भी मिलेगा। किसानों की सहमति के बाद सड़क निर्माण का काम शुरू करवा दिया गया है।
बायपास पर एमआर-10 जंक्शन से राघौगढ़ तक ग्रीन फील्ड सड़क बनाई जा रही है। 1011 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना में 380 करोड़ रुपये निर्माण पर खर्च होंगे, जबकि शेष राशि भूमि अधिग्रहण, वन विभाग की मंजूरी और अन्य मदों पर खर्च हुई। सड़क को आठ से 10 फीट ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। इसमें एक बड़ा पुल, चार छोटे पुल और 19 अंडरपास बनाए जा रहे हैं।
इंदौर-नागपुर हाईवे वर्तमान में राघौगढ़ से देवगुराड़िया तक बना है, जो खुड़ैल और डबलचौकी से होकर गुजरता है। 28 किमी के इस हिस्से को अब एनएचएआइ ने छोड़ दिया है और नई ग्रीन फील्ड सड़क राघौगढ़ से एमआर-10 बायपास तक बनाई जा रही है।
इसके बन जाने से राघौगढ़ से एमआर-10 बायपास तक सीधा संपर्क स्थापित होगा। वहीं इंदौर से हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल और नागपुर की यात्रा कम समय में पूरी हो सकेगी। सड़क के बन जाने से इस क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ेंगी।