Indore Railway Station: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में आने वाले मेहमानों का स्वागत अब और भी खास अंदाज में होगा। यह स्वागत लोगों द्वारा नहीं बल्कि खूबसूरत सोच के जरिये होगा, जिसमें सुंदरता के साथ सुविधाओं को भी तवज्जो दी जा रही है।
जितना आकर्षक शहर का एयरपोर्ट है, अब उससे भी कहीं ज्यादा सुंदर शहर के रेलवे स्टेशन को बनाने की कोशिश की जा रही है। इंदौर के रेलवे स्टेशन पर भी अब यात्री ट्रेन के इंतजार में बोर होने के बजाए खरीदारी का आनंद ले सकेंगे।
बात यहीं खत्म नहीं होगी। यदि रेलवे स्टेशन पर आप होटल के खाने का लुत्फ भी लेना चाहेंगे तो वह भी मिल सकेगा। बस इन सब सुविधाओं के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। असल में इंदौर रेलवे स्टेशन को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है।
इसका वर्चुअल भूमिपूजन फरवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जा चुका है। इस रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह सर्वसुविधायुक्त बनाने की कोशिश की जा रही है। यह कायाकल्प 479 करोड़ रुपये की लागत से होगा और 2027 तक यह कार्य पूरा हो जाएगा।
50 वर्षों की जरूरतों के लिहाज से नए रेलवे स्टेशन की योजना बनाई गई है। भविष्य में इंदौर-दाहोद, इंदौर-खंडवा प्रोजेक्ट पूरा होने से इस ओर से भी ट्रेन चलने लगेगी और यह एक बड़े जंक्शन के रूप में काम करेगा। भविष्य में स्टेशन पर प्रतिदिन एक लाख से अधिक यात्रियों के आवागमन होगा।
वर्तमान में इंदौर स्टेशन से 2800 क्विंटल पार्सल हैंडल किया जाता है, जो भविष्य में बढ़कर 10 हजार क्विंटल होने की संभावना है। नए स्टेशन बनने से इंदौर के व्यापार को भी गति मिलेगी। वर्तमान में रेलवे लगभग चार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष बिजली, पानी, साफ-सफाई और मेंटनेंस पर खर्च करता है। इसमें से रेलवे पार्सल छोड़कर 2.89 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अलग-अलग स्रोत से प्राप्त करता है।
वर्तमान में प्रतिदिन 2460 प्लेटफार्म टिकट बिकते हैं, जो भविष्य में पांच से सात गुना तक बढ़ने का अनुमान है। नए स्टेशन पर जो बिजली विभिन्न आपरेशन में खर्च होगी, उसका कम से कम 10 फीसदी सोलर एनर्जी से प्राप्त होगा।
सात मंजिला इमारत बनेगी
इंदौर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का जो खाका तैयार किया गया है। उसके अनुसार प्लेटफार्म-1 पर सात मंजिला और प्लेटफार्म-4 पर जी प्लस 2 मंजिला भवन बनाया जाएगा। सर्कुलेटिंग एरिया के साथ बेसमेंट में पार्किंग बनाई जाएगी। एयरपोर्ट की तर्ज पर यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी, जिसमें एक हजार यात्री के लिए एसी हॉल रहेगा।
बाहर से खरीदारी के लिए आने वाले यात्रियों के लिए होटल होगी। शापिंग काम्प्लेक्स भी होगा, जहां यात्री खरीददारी कर सकेंगे। दिव्यांगों के लिए अलग से लिफ्ट होगी। रेलवे स्टेशन से सरवटे बस स्टैंड तक अंडरग्राउंड मार्ग होगा। सरवटे बस स्टैंड पर भविष्य में मेट्रो की कनेक्टीविटी भी होगी। इससे रेल मार्ग से आने वाले यात्री पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मेट्रो आदि का उपयोग कर शहर में कहीं भी आ-जा सकेंगे।
नवंबर तक शुरू होगा काम
2 जुलाई को इस प्रोजेक्ट का टेंडर खोला गया है, जिसमें 18 एजेंसियों ने हिस्सा लिया है। इसके बाद सभी तरह की प्रक्रिया, अनुमति, ट्रेन आपरेशन आदि तैयार करने में तीन से चार माह का समय लग जाएगा। इसके बाद नवंबर-दिसंबर तक काम शुरू हो पाएगा। प्रोजेक्ट 2027 तक तैयार किया जाना है। इस दौरान अधिकांश लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन महू, राजेंद्र नगर, लक्ष्मीबाई नगर, उज्जैन से किया जाएगा।