नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इस वर्ष अगस्त में प्रदेश के अधिकांश हिस्से तरबतर रहे। वहीं इंदौर सहित दक्षिण मप्र में बारिश का टोटा रहा। शनिवार को दक्षिण मप्र में इंदौर, रतलाम, देवास जिले में भारी वर्षा हुई और इन जिले के औसत वर्षा कोटे की कमी की भरपाई हुई। अगस्त का पहला पखवाड़ा इंदौर के लिए जहां सूखा रहा वहीं दूसरे पखवाड़े में औसत बारिश की भरपाई हुई। शनिवार को इंदौर शहर में 82.9 मिमी बारिश और हातोद तहसील में 88 मिमी बारिश दर्ज हुई।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगस्त में इंदौर में भले ही वर्षा की कमी दिखाई दी लेकिन सितंबर में प्रदेश में काफी बेहतर सिस्टम बनेंगे। इसके प्रभाव से इंदौर में माह के अंत तक अच्छी बारिश होने की संभावना है। इंदौर में इस मानसून सीजन की औसत वर्षा 929.4 मिमी का कोटा पूरा होने के लिए अभी 314.4 मिमी बारिश की दरकार है।
भोपाल स्थित मौसम केंद्र के विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में एक द्रोणिका बीकानेर, गुना, दमोह, रायपुर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। वहीं उत्तर पश्चिम मप्र पर समुद्र तल की 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। मध्य राजस्थान पर चक्रवाती हवा का घेरा समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। दो सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। इसके प्रभाव से इंदौर में दो या तीन सितंबर को मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
इस माह अच्छी बारिश की संभावना
इस बार बंगाल की खाड़ी में काफी सिस्टम बने लेकिन वो ऊपर से ही गुजर गए। इस वजह से इंदौर सहित दक्षिण पश्चिमी मप्र में कम बारिश हुई। सितंबर में बंगाल की खाड़ी में काफी सिस्टम बनेंगे और ये काफी नीचे से जाएंगे। इससे इंदौर में अच्छी बारिश होने की संभावना है। - अभिजीत चक्रवती, मौसम विज्ञानी, भोपाल