नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। ई-रिक्शा की मनमानी से आम जनता परेशान हैं। न तो इनके रुकने के लिए कोई नियम बना है और न ही इनके स्टैंड तय हैं। यातायात में तो ये बाधक बन ही रहे हैं, मनमर्जी का किराया वसूलने से यात्रियों के लिए भी गफलत बन गए हैं। अधिकांश ई-रिक्शा में मीटर तक नहीं है। ये यात्रियों से मनमर्जी से किराया वसूल रहे हैं। राजवाड़ा क्षेत्र पर कब्जा जमा रखा है। यहां अस्थायी ई-रिक्शा स्टैंड बना रखा है।
जहां सवारी मिली वहीं ई-रिक्शा रोक कर यात्रियों से किराया तय करने लगते है। भले ही इनके पीछे वाहनों की कतारें ही क्यों न लग जाए। इनके कारण सुबह से रात तक राजवाड़ा से कृष्णपुरा छत्री तक जाम लगता रहता है। ये सब जिम्मेदारों के सामने हो रहा हैं। जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहती है। परिवहन विभाग के अनुसार शहर में 12 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा चल दौड़ रहे हैं।
शहर में ई-रिक्शा चालक ग्रीन परिवहन के नाम पर मिली छूट का फायदा उठाकर यातायात को बद से बदतर बना रहे हैं। जहां सवारी ने हाथ दिया, वहीं रिक्शा रोक दिया, चाहे पीछे से आ रहे वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाएं। राजवाड़ा क्षेत्र में भले ही दो पहिया वाहन चलाने की जगह न हो, लेकिन इन्हें अपनी जगह पर वाहन खड़े करने की जल्दी रहती है। चाहे इनके कारण वाहनों की कतार लग जाए। पिछले साल प्रशासन ने इन पर सख्ती कर इनके 26 रूट तय किए थे, लेकिन संचालकों के विरोध के बाद सख्ती हवा हो गई। इतना ही नहीं प्रशासन, यातायात पुलिस व आरटीओ ने भी अपनी जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर दिए हैं। इस अनदेखी का खामियाजा शहर की आम जनता भुगत रही है। उनके लिए एक अच्छी सुविधा भी मुसीबत बन गई है।
यातायात विभाग द्वारा कृष्णपुरा छत्री से राजवाड़ा तक पिछले कई वर्षों से वन-वे घोषित है, लेकिन ई-रिक्शा वाले बिना रोक टोक बेधड़क वन-वे में वाहन दौड़ाते नजर आते हैं। इनके कारण राजवाड़ा से कृष्णपुरा छत्री की ओर जाने वाले वाहन चालक परेशान होते रहते हैं। दोपहर से रात तक वाहन चालक आपस में उलझते रहते हैं। ई-रिक्शा वालों ने राजवाड़ा पर अस्थाई स्टैंड बना लिया है। इनके बेतरतीब वाहन चलाने से सिटी बसों और वाहन चालकों को निकलने के लिए परेशान होना पड़ता है। जबकि वहीं राजवाड़ा के बाहर ही यातायात पुलिस एवं पुलिस खड़ी रहती हैं। कृष्णपुरा छत्री पर बेतरतीब ई-रिक्शा चलाने से आम वाहन चालक त्रस्त होते रहते हैं।
राजवाड़ा चौक पर जहां पहले तांगों, टेम्पो के कारण आम लोगों को परेशानी होती थी, अब इसकी जगह ई-रिक्शा ने ले ली है। राजवाड़ा चौक मानो ई-रिक्शा का अघोषित अस्थायी स्टैंड बन गया है। इससे बार-बार ट्रैफिक जाम होता रहता है। पैदल निकलने तक की जगह नहीं रहती है। राजवाड़ा से कृष्णपुरा तक 100 से 150 ई-रिक्शा देखें जा सकते हैं। जहां से इच्छा हुई, वहीं से सवारी बैठा ली। कोई रोकने वाला नहीं है। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, घनी आबादी वाले क्षेत्र इनके अड्डे बनते जा रहे हैं। इनमें एमजी रोड, जवाहर मार्ग, बस स्टैंड, विजयनगर, रेडिसन, खजराना, राजेंद्रनगर, राजीव गांधी चौराहा, तीन इमली चौराहा शामिल हैं।
ई-रिक्शा चालक यातायात के नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो इनके खिलाफ यातायात विभाग की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।