नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर (Kirtishwar Mahadev Cave)। हम भारतीय जब कहीं सैर सपाटे की योजना बनाते हैं तो सबसे पहले जो यक्ष प्रश्न हमारे सामने खड़ा होता है वह है आखिर कहां जाएं। ऐसा नहीं कि सैर-सपाटे के लिए हमारे पास स्थानाभाव है बल्कि मुश्किल की वजह यह है कि सभी की पसंद अलग-अलग होती है और एक ही स्थान के लिए सभी की सहमति आसानी से नहीं बनती। कोई लांग ड्राइव की डिमांड करता है तो किसी की फरमाइश ट्रैकिंग की होती है।
कोई धार्मिक स्थल पर जाना चाहता है, किसी को शांति और सुकून की तलाश रहती है तो कोई प्राकृतिक स्थल पर जाना चाहता है। कुल मिलाकर जितने सदस्य उतने ही विचार और उतनी ही अलग-अलग पसंद। ऐसे में अगर कोई ऐसा स्थान मिल जाए जहां सभी की ख्वाहिश पूरी होती हों तो कहना ही क्या।
वैसे श्रावण मास आरंभ हो चुका है और इस बार सैर सपाटे की शुरुआत एक ऐसे स्थान से करते हैं जहां भक्ति भी की जा सके और प्रकृति का आनंद भी लिया जा सके। इस स्थान का नाम है कीर्तेश्वर महादेव गुफा।
कीर्तेश्वर महादेव गुफा एक ऐसा स्थान है जिसके बारे में इंदौर के बहुत कम पर्यटकों को पता होगा। इसकी वजह है इस स्थान का एकांत में स्थित होना, आवागमन सुलभ नहीं होना और स्थान पर विकास कार्य नहीं होना। पर यही इसकी खूबी भी है जो इसे शांत, सुंदर और प्रकृतिक बनाए रखती है।
चलिए शुरुआत करते हैं इस स्थान के सफर की। इसके लिए आपको अपनी दुरुस्त गाड़ी, दोस्त व परिवार का साथ और खानपान की वस्तुओं के साथ ट्रैकिंग की मूलभूत वस्तुएं जुगाड़ना होगी। अब निकलते हैं सफर पर जिसके लिए खंडवा रोड जाना होगा।
मानें स्थानीय ग्रामीणों की सलाह महेश रसाल बताते हैं कि यहां से शिवजी की इस गुफा तक पहुंचने के लिए चोरल नदी को पैदल ही पार करना होता है। वर्तमान में नदी में पानी बहुत उथला है इसलिए सहजता से पैदल पार की जा सकती है, लेकिन जब ज्यादा वर्षा हो तब स्थानीय ग्रामीणों की सलाह और मदद से ही नदी पार करें।
नदी का पाट बहुत चौड़ा है इसलिए सतर्कता जरूर रखें। करीब एक किमी की ट्रैकिंग कर इस गुफा तक पहुंचा जाता है। इस गांव और गुफा के आसपास आपको खानपान की कोई सामग्री नहीं मिलेगी इसलिए जरूरी खाद्य सामग्री साथ ही लेकर जाएं।
मेघदूत फिटनेस क्लब के महेश रसाल इस स्थान पर पहुंचने का सबसे सरल, सटीक और सुंदर रास्ता बताते हैं। वे बताते हैं इंदौर से करीब 50 किमी दूर खंडवारोड पर ग्राम ग्वालू बसा हुआ है। इस गांव से आपको बाईं और मुड़ते हुए उदयनगर रोड पर जाना होगा। थोड़ा आगे चिड़ियाभड़क जाने का मार्ग मिलेगा।
चिड़ियाभड़क मार्ग में मुख्य मार्ग से करीब 10 किमी दूर स्थित रामगुल्ला गांव जाएं। अपने वाहन से रामगुल्ला गांव तक सहजता से पहुंच सकते हैं। चोरल नदी के किनारे बसे इस गांव से कीर्तेश्वर महादेव गुफा की यात्रा पैदल ही करना होगी।
यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है। गुफा में करीब 20 फीट जाने पर शिवलिंग के दर्शन होते हैं। गुफा के अंदर शिवलिंग स्थापित होने के कारण इन्हें गुप्तेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान शिव स्वयंभू रूप से प्रकट हुए थे। कुछ लोगों का मान्यता यह भी है कि यह मंदिर भगवान इंद्र की तपस्या स्थली भी रहा है, जहां इंद्र ने रोग मुक्ति होने के लिए भगवान शिव की तपस्या की थी।
गुफा के अंदर शिवलिंग के चारों ओर ठंडा पानी रहता है, जिसे पवित्र माना जाता है। गुफा के आसपास प्राचीन मूर्तियां और मंदिर की बनावट भी देखने लायक है। यहां एक विशाल कुंड भी है, जिसे सूरज कुंड कहा जाता है, जिसका उपयोग जल संरक्षण के लिए किया जाता था।