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नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि स्वच्छता में उसका कोई सानी नहीं है। यह शहर यूं ही नहीं पिछले आठ वर्ष से देशभर में स्वच्छता का सिरमौर बना हुआ है। दीपावली के दिन सोमवार को शहरवासियों ने देर रात तक जमकर आतिशबाजी की। हालत यह थी कि सड़कें पटाखों के कचरे से अटी पड़ी नजर आ रही थीं, लेकिन मंगलवार सुबह नजारा बिलकुल बदला हुआ था। अलसुबह लोग जब घरों से बाहर निकले तो उन्हें सड़कें रोजाना की तरह चकाचक नजर आईं।
लग ही नहीं रहा था कि ये वहीं सड़कें हैं जिससे कुछ घंटे पहले कचरे की वजह से गुजरना तक मुश्किल था। यह सब कुछ संभव हुआ नगर निगम के सफाई मित्रों की वजह से। मंगलवार अलसुबह तीन बजे नगर निगम का अमला मैदान पकड़ चुका था। सफाई मित्रों ने अपनी-अपनी बीटों में सफाई का काम शुरू कर दिया था। सफाई मित्रों का हौसला बढ़ाने के लिए निगम का प्रशासनिक अमला भी मैदान में था। शहर में मंगलवार को रोजाना के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत कचरा अधिक निकला।
सामान्य दिनों में गीले कचरे की मात्रा सूखे कचरे के मुकाबले अधिक रहती है, लेकिन मंगलवार को ऐसा नहीं हुआ। पटाखों की वजह से सूखा कचरा गीले कचरे से करीब 300 टन अधिक निकला। मंगलवार अलसुबह तीन बजे शहर के मुख्य मार्गों पर सफाई शुरू हो चुकी थी। सफाई मित्र रोजाना की तरह यूनिफार्म में अपने कार्य में जुटे थे। राजवाड़ा क्षेत्र में सबसे ज्यादा कचरा होने की आशंका थी। निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव, अपर आयुक्तों के साथ मिलकर शहर की सफाई व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे।
दरअसल, दीपावली के अगले दिन शहर को स्वच्छ बनाए रखने की कार्ययोजना दो दिन पहले ही तैयार की जा चुकी थी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने निर्देश जारी किए थे कि सफाई मित्रों के साथ-साथ पूरा नगर निगम का अमला मंगलवार अलसुबह तीन बजे मैदान में उतरेगा। असर यह हुआ कि सुबह सात बजे तक पूरा शहर चकाचक हो चुका था। मुख्य बाजारों और सड़कों पर प्राथमिकता से शुरू हुई सफाई सफाई अभियान के तहत मुख्य बाजारों, प्रमुख सड़कों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को विशेष प्राथमिकता दी गई। महापौर ने बताया कि “डस्टबिन और सड़क किनारों की सफाई सबसे बड़ी चुनौती थी, इसलिए इन पर विशेष ध्यान दिया गया।
कचरा प्रबंधन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सभी स्थानों पर अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए गए। वरिष्ठ अधिकारी भी फिल्ड में नजर आए अभियान की निगरानी के लिए सभी दारोगा, सहायक सीएसआइ, सीएसआइ, स्वास्थ्य अधिकारी उन्हें आवंटित क्षेत्रों में उपस्थित रहे। जोनल अधिकारियों और अपर आयुक्तों ने सतत निगरानी की। इसके अलावा पानी, ड्रेनेज, बिजली और स्वच्छता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी फील्ड में थे। वाहनों का विशेष इंतजाम भी किया एकत्रित कचरे के निबटान के इंतजाम भी किए गए थे। नगर निगम के सभी ट्रैक्टर, डंपर और सफाई वाहन फील्ड में लगाए गए थे ताकि किसी भी क्षेत्र में कचरा शेष न रहे। कचरा ट्रांसफर स्टेशनों से लेकर प्रोसेसिंग साइट तक कचरे के समयबद्ध स्थानांतरण की विशेष व्यवस्था की गई।
सफाईकर्मियों की कर्मठता का परिणाम है दीपावली के अगले दिन सफाई के लिए विशेष योजना तैयार की गई थी। इसी का परिणाम रहा कि मंगलवार सुबह जब लोग नींद से जागकर घरों से बाहर निकले तो उन्हें शहर चकाचक मिला। यह सफाईकर्मियों की कर्मठता का परिणाम है। - पुष्यमित्र भार्गव, महापौर इंदौर
सामान्य दिनों से ज्यादा निकला कचरा मंगलवार को 1400 टन से ज्यादा कचरा निकला। यह सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा निकला। सुबह सात बजे तक हम सफाई पूरी कर चुके थे। निगम के हर विभाग ने इसमें सहयोग दिया। यह टीम वर्क का बेहतरीन उदाहरण है। - संदीप पाटोटी, स्वास्थ्य अधिकारी इंदौर