
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी के कारण फैल रही बीमारी ने एक और मासूम की जान ले ली है। छह माह के अभियान साहू की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। मां साधना और पिता सुनील के अनुसार, उनकी शादी वर्ष 2014 में हुई थी और 10 वर्षों के लंबे इलाज व मन्नतों के बाद उन्हें बेटा प्राप्त हुआ था। मां ने बताया कि दूध कम आने के कारण वे दूध में पानी मिलाकर बच्चे को पिलाती थीं। उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि जिस पानी को वे मिला रही हैं, वह दूषित होकर जहर बन चुका है। सोमवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने पर बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
मासूम अभियान की 10 वर्षीय बड़ी बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार अपने भाई को याद करते हुए पूछ रही है कि अब वह राखी किसे बांधेगी। स्कूल शिक्षिका मां और पिता को उम्मीद थी कि यह बेटा उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा, लेकिन प्रशासन की लापरवाही ने उनकी खुशियां छीन लीं। परिजनों का आरोप है कि दूषित पानी ने उनके बच्चे की जान ली है। इसी क्षेत्र की पीछे वाली गली में एक दो माह की बच्ची की मौत की खबर भी सामने आई है।
दूषित पानी के प्रकोप ने भागीरथपुरा मेन रोड निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग जीवनलाल बरेडे की भी जान ले ली है। उनकी मौत 28 दिसंबर को हुई थी। परिजनों ने बताया कि उन्हें 24-25 दिसंबर से ही उल्टी-दस्त की समस्या शुरू हुई थी। घर पर डॉक्टर बुलाकर इलाज कराया गया, लेकिन सुधार नहीं हुआ और उनकी मौत हो गई। जीवनलाल की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी अब घर में अकेली रह गई हैं। परिवार के अन्य चार सदस्य, जिनमें एक सात साल का बच्चा भी शामिल है, फिलहाल बीमार हैं और उनका उपचार चल रहा है।
मृतक के परिजनों और क्षेत्र के लोगों में नगर निगम व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है। निवासियों का कहना है कि पूरे क्षेत्र में लंबे समय से दूषित पानी की सप्लाई हो रही है, जिसकी शिकायतें भी की गईं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसी अनदेखी का नतीजा है कि आज क्षेत्र में मौतें हो रही हैं और कई परिवार उजड़ रहे हैं।
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