नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर, Indore Weather Update: इस मानसून सीजन में जिले की देपालपुर व महू तहसीलों में अन्य तहसीलों के मुकाबले ज्यादा वर्षा हुई है। पिछले वर्ष भी जुलाई अंत तक देपालपुर में सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई। वहीं गौतमपुरा में इस बार वर्षा कम हुई है।
महू व हातोद में ही गत वर्ष के मुकाबले ज्यादा वर्षा हुई है। इंदौर में सोमवार अलसुबह छह बजे वर्षा हुई। एयरपोर्ट स्थित वेदर स्टेशन पर सुबह 8.30 बजे तक 9.6 मिमी वर्षा हुई। वहीं सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे के बीच 0.7 मिमी वर्षा हुई। दिनभर बादल छाए और फुहारें ही बरसीं। सोमवार को शहर में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 25.4 डिग्री दर्ज किया गया।
सोमवार को सुबह 10 से 12 बजे चोइथराम क्षेत्र में तेज बौछारें चोइथराम मंडी क्षेत्र में वर्षा की तेज बौछारें पड़ीं। इससे शहर के उस हिस्से में सड़कों पर जल जमाव भी हुआ। इंदौर में अभी अलग-अलग हिस्सों में लोकल सिस्टम बनने के कारण खंड-खंड वर्षा हो रही है।
अल सुबह रीगल क्षेत्र में हुई 16 मिमी वर्षा रीगल क्षेत्र में अल सुबह वर्षा के तहत बौछारें पड़ीं। रीगल स्थित मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वेदर स्टेशन पर सुबह 9 बजे तक 16 मिमी वर्षा दर्ज हुई।
इंदौर जिले में तय लक्ष्य के 98 प्रतिशत क्षेत्र में खरीफ फसलों की बोवनी का कार्य पूरी हो चुकी है। जिले में 2.52 हेक्टेयर में बोवनी का लक्ष्य रखा गया था और इसकी अपेक्षा अब तक दो लाख 48 हजार 508 हेक्टेयर में बोवनी पूरी हो चुकी है। बीते साल की अपेक्षा इस वर्ष 149 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का का रकबा बढ़कर 12359 हेक्टेयर हो चुका है।
दो लाख 15 हजार 097 हेक्टेयर में इस बार सोयाबीन की बोवनी हो चुकी है। इस बार ज्वार, उड़द और मूंग का रकबा कम हुआ है। इंदौर जिले में खरीफ सीजन की फसलों की बोवनी का कार्य पूरा हो चुका है। वर्षाकाल में सर्वाधिक क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी हुई है। जिले में दूसरे नंबर पर मक्का फसल है, जिसकी बोवनी किसानों ने सोयाबीन के विकल्प के रूप में की है। उड़द, मूंग और अरहर की बोवनी भी एक हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हुई है। 16358 हेक्टेयर में सब्जी और अन्य खरीफ की फसलों की बोवनी हुई है।