
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। इस सप्ताह शीत लहर के साथ ठंडक ने इंदौर में अपनी दस्तक दी है। दिन में जहां शहरवासियों को धूप निकलने से राहत मिल रही है, वहीं उत्तरी हवाएं रात से अल सुबह तक कड़ाके की ठंड का अहसास करवा रही हैं। इंदौर में सप्ताह के शुरुआती तीन से चार दिन तक ठंड का असर इसी तरह बरकरार रहेगा। रात का पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहेगा। इस वजह से शहर में सर्द रातों का असर दिखाई देगा।
भोपाल स्थित मौसम केंद्र के विज्ञानियों के मुताबिक पिछले दिनों हिमालय क्षेत्र से सक्रिय रहा पश्चिमी विक्षोभ काफी मजबूत था। उसके असर से हिमालय क्षेत्र में अच्छी बर्फबारी हुई है। इस वजह से हिमालय क्षेत्र से आ रही उत्तरी हवाओं के कारण इंदौर में न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ ठंडक का असर दिखाई दे रहा है।
वर्तमान में उत्तर भारत पर एक पश्चिमी विक्षोभ ऊपरी हवाओं के घेरे के रूप में 3.1 किमी की ऊंचाई पर बना हुआ है। तीन दिन बाद यह हट जाएगा। यही वजह है कि अभी जहां इंदौर सहित पश्चिमी मप्र में उत्तरी हवाओं के कारण रात का तापमान गिरा हुआ है।
ऊपरी हवाओं के घेरे के हटने के बाद पूर्वी मप्र में रीवा संभाग सहित अन्य इलाकों में भी रात का तापमान गिरेगा। अगले सप्ताह में दिन में धूप निकलेगी और पारा 28 से 29 डिग्री के आसपास ही रहेगा। सप्ताह के मध्य से इंदौर शहर में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और रात के समय तीव्र ठंडक का असर कम होगा, पारा सामान्य के आसपास रहेगा।

हिमालय की ओर से आ रही बर्फीली हवाओं ने पिछले तीन दिनों से शहरवासियों को सर्द रातों का अहसास करवा रही है। शनिवार सुबह तो हवाओं ने शहरवासियों को शीत लहर का अहसास करवाया। इंदौर में नवंबर में शुक्रवार की रात इस सीजन की सबसे सर्द रात रही। शनिवार सुबह न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस कम था।
वर्ष 1988 में 30 नवंबर को इंदौर में न्यूनतम तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इस तरह 37 साल बाद इंदौर में न्यूनतम तापमान निचले स्तर पर पहुंचा है। गौरतलब है कि इंदौर में 25 नवंबर 1938 को सबसे कम 5.6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया था।