Indore Zoo: इंदौर का चिड़ियाघर अब बन गया ब्रीडिंग सेंटर, दर्शक संख्या भी तेजी से बढ़ रही
Indore Zoo: एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम में आए 80 से ज्यादा प्रजातियों के 245 से ज्यादा विदेशी पक्षी, अब हुए कुल 1300 वन्य प्राणी।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 15 Feb 2024 10:06:21 AM (IST)
Updated Date: Thu, 15 Feb 2024 01:04:08 PM (IST)
चिड़ियाघर में नए मेहमानों के आने से दर्शकों की संख्या बढ़ी है। फोटो- नईदुनियाHighLights
- बीते छह माह में जन्मे शेर के पांच व बाघ के तीन शावक
- पाकेट मंकी मार्मोसेट ने भी दिया बच्चों को जन्म
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर Indore Zoo। अपने शहर के सबसे शानदार स्थलों में से एक चिड़ियाघर अब केवल चिड़ियाघर ही नहीं रहा है, बल्कि यह यहां रह रहे वन्य प्राणियों का ब्रीडिंग सेंटर भी बन गया है। बीते छह माह में ही यहां शेर के पांच शावक जन्मे हैं, वहीं बाघ के तीन शावकों ने भी यहीं जन्म लिया है। यहां पाकेट मंकी के जुड़वा बच्चे भी जन्मे हैं। इस वजह से अब यहां आने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
बीते कुछ महीनों में ही दर्शकों की औसत संख्या में यहां 15 से 20 फीसद तक का उछाल आया है। इसका एक बड़ा कारण
चिड़ियाघर में एनिलम एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लाए गए 80 से अधिक प्रजातियों के 245 विदेशी पक्षी व अन्य प्राणी हैं। हाल ही में यहां लोमड़ी का जोड़ा और अफ्रीकन जेब्रा को भी लाया गया है। इस तरह चिड़ियाघर में अब वन्य प्राणियों की कुल संख्या भी बढ़कर 1300 के करीब हो गई है।
चिड़ियाघर के नए वन्य प्राणियों में काटन टाप मंकी, बाल पाइथन, राइनो इगुआना, रेड लोरी, रेनबो लोरी को भी लाया गया है। इन प्राणियों की प्रजातियां दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, ब्राजील आदि देशों में पाई जाती हैं। इनके अतिरिक्त इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली छोटी चिड़िया के साथ चार तोते आदि भी यहां हैं। यहां पाकेट मंकी भी आकर्षण के केंद्र हैं। यह बंदर ब्राजील और अर्जेंटीना में पाए जाते हैं।
इनका आकार इतना छोटा होता है कि ये शर्ट की जेब में समा जाते हैं, इसीलिए इन्हें
पाकेट मंकी कहा जाता है। आकार में ये 18 सेंटीमीटर तक और वजन 250 ग्राम तक के होते हैं। एक्सचेंज प्रोग्राम में तीन खेप में कुल 245 से अधिक विदेशी पक्षियों को लाया गया है। नए जानवरों के आने से अब चिड़ियाघर में विविध प्रजातियां देखने को मिल रही हैं।
मध्य भारत में अकेला जू, जहां है अफ्रीकन जेब्रा
इंदौर का चिड़ियाघर प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां अफ्रीकन जेब्रा को देखा जा सकता है। जेब्रा को लेकर भी आने वाले दर्शकों की उत्सुकता देखते ही बनती है। गुजरात से इस जोड़े को लाने के लिए लंबी प्रक्रिया चली। कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय तक वन्य जीवों के स्थानांतरण पर रोक लगी थी।
इसके चलते लंबे समय तक वन्य प्राणी नहीं आ सके थे। सेंट्रल जू अथारिटी से हरी झंडी मिलने के बाद वर्ष 2023 के आखिरी छह माह में इस कार्य को गति मिली। चिड़ियाघर में शेर, बाघ, हिरण, चीतल, घड़ियाल की संख्या खासी बढ़ गई थी। इसके चलते इन्हें दूसरे चिड़ियाघर भेजना आवश्यक हो गया था।
चिड़ियाघर ने जहां अपनी पहचान एक ब्रीडिंग सेंटर के रूप में बनाई है, वहीं यहां दर्शकों को अब ऐसे कई प्रजातियों के वन्य जीव देखने को मिल रहे हैं, जो अन्य चिड़ियाघरों में नहीं हैं। इसके चलते अन्य शहरों से आने वाले दर्शकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। शनिवार, रविवार के अतिरिक्त छुट्टियों के अवसर पर दर्शकों की संख्या 12 हजार से ऊपर पहुंच जाती है। यहां औसतन साढ़े चार हजार से अधिक दर्शक प्रतिदिन पहुंचे रहे हैं। दर्शकों की संख्या में वृद्धि का कारण वन्य प्राणियों की संख्या में इजाफा होना है।
- डा. उत्तम यादव, प्रभारी, कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय, इंदौर