
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी सोमवार को इंदौर कोर्ट में एक पेशी के सिलसिले में पहुंचे थे। कोर्ट से बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हालिया बयानों पर तंज कसा। पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के होते हैं, ऐसे में उनमें यह समझ होनी चाहिए कि वे क्या बोल रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के उन बयानों का जिक्र किया जिसमें कभी गुड़ की खेती तो कभी एक बीघे में 50 क्विंटल गेहूं की उपज की बात कही गई थी। पटवारी ने जावरा के उस बयान पर भी निशाना साधा जिसमें मुख्यमंत्री ने जावरा से इंदौर की दूरी 'जादू' से 20 किमी करने की बात कही थी।
पटवारी ने केंद्र सरकार को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार की खुली छूट दे दी है, जिसका खामियाजा अब प्रदेश की जनता भुगत रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का कोई भी विभाग या अधिकारी ऐसा नहीं है जो भ्रष्टाचार में लिप्त न हो। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इंदौर जिले की तिंछा से तिल्लौर तक की सड़क इतनी खराब बनी कि कार्यकर्ताओं ने उसे 'दरी' की तरह हाथ से उठाकर फेंक दिया। पटवारी ने तंज कसा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री खुद मानते हैं कि सड़क है तो गड्ढे भी होंगे, जिससे स्पष्ट है कि वे भी भ्रष्टाचार जारी रहने की बात स्वीकार कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर कड़ा प्रहार करते हुए जीतू पटवारी ने इसे '50 प्रतिशत कमीशन' पर चलने वाली सरकार बताया। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की तुलना 'अलीबाबा चालीस चोरों' की सरकार से कर दी। पटवारी ने दावा किया कि प्रदेश का एक भी मंत्री ऐसा नहीं है जो हाथ उठाकर यह कह सके कि वह भ्रष्टाचार नहीं करता है।
कोर्ट परिसर से निकलते समय एक रोचक वाकया भी सामने आया। जब पटवारी अपनी कार में बैठने लगे, तो एक कार्यकर्ता ने उनसे अपने किसी काम के लिए गुहार लगाई। इस पर पटवारी ने उसे समझाते हुए अपनी राजनीतिक स्थिति पर टिप्पणी की और कहा, "अभी तो मैं खुद भी वनवास भोग रहा हूं।" उनके इस बयान को वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में उनके संघर्ष के रूप में देखा जा रहा है।
यह भी पढ़ें- भोपाल में अब जमीन के नीचे भी दौड़ेगी मेट्रो, 65 फीट गहराई में बनेगा प्रदेश का पहला अंडरग्राउंड कॉरिडोर