Indore Corona News: तीन दिन में न्यायिक जांच पूरी हो जाएगी, सप्ताहभर में रिपोर्ट पेश कर देंगे
Indore Corona News: कोरोना संक्रमितों के शवों की अस्पतालों में दुर्गति को लेकर सरकार ने कोर्ट में कहा।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 21 Jan 2021 08:26:26 PM (IST)
Updated Date: Thu, 21 Jan 2021 08:26:26 PM (IST)

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Indore Corona News। अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव की दुर्गति को लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में गुरुवार को सुनवाई हुई। सरकार को जवाब पेश करना था। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि मामले में न्यायिक जांच चल रही है जो तीन दिन में पूरी हो जाएगी। एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट और जवाब पेश कर दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने सुनवाई दो सप्ताह आगे बढ़ा दी। मामले में अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी।
गौरतलब है कि अन्नपूर्णा रोड स्थित यूनिक अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की मृत्यु के बाद उनके शव को लापरवाहीपूर्वक तलघर में रख दिया गया था, वहां उसे चूहें कुतर गए। इसके पहले एमवायएच में एक शव नौ दिन तक स्ट्रेचर पर पड़े-पड़े कंकाल हो गया था। अस्पतालों की इस तरह की लापरवाहियों को लेकर याचिकाकर्ता प्रकाश जैन ने एडवोकेट निमेश पाठक के माध्यम से हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की। इस बीच शवों की लापरवाही को लेकर सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए। गुरुवार को सरकार को जनहित याचिका में जवाब देना था। शासन की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि न्यायिक जांच पूरी होने को है। एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश कर दी जाएगी।
याचिकाकर्ता द्वारा ये मांगें की गई थीं याचिका में
- कोरोना पॉजिटिव मरीज के साथ कम से कम एक स्वजन को सावधानी के साथ अस्पताल में रखा जाए ताकि मरीज की स्थिति और इलाज की जानकारी मिलती रहे।
- कोरोना मरीज की मृत्यु के बाद पोस्टमार्टम करवाया जाए ताकि मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता चल सके।
- कोरोना वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और इसका सीधा प्रसारण बड़ी स्क्रीन पर बाहर किया जाए ताकि उनके स्वजन देख सकें।
- कोरोना मरीजों के शव के अंतिम संस्कार के लिए राज्य शासन को गाइडलाइन बनाने का आदेश दिया जाए।
- कोरोना से जुड़े मामलों की शिकायत के लिए एक सेंट्रल हेल्प डेस्क गठित की जाए।
- शवगृहों की व्यवस्था की जाए।
- शवों के मामले में लापरवाही बरतने वाले अस्पतालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।