इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Junior Doctor Srike MP। छह सूत्रीय मांगों को लेकर इंदौर सहित प्रदेश के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने की तैयारी में जुटे हैं। गौरतलब है कि छह मई 2021 को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन एमपी द्वारा पूरे प्रदेशव्यापी छह सूत्री मांगे रखी गई थी। इसके बाद भी अभी तक उन मांगों पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री, एसीएस हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर ने जो वादा किया था वो पूरा नहीं किया। इस वजह से जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की तैयारी की है।
जूनियर डॉक्टर की ये है मांगे
१. स्टाइपंड में २४ % बढ़ोतरी करके 55000 से बढ़ाकर 68200 एवं 57000 से बढ़ाकर 70680 एवं 69000 से बढ़ाकर 73160 कर दी जाए।
२. हर साल वार्षिक 6% की बढ़ोतरी भी हमारे बेसिक स्टाइपेंड पर दी जाए।
३. पीजी करने के बाद 1 साल के ग्रामीण बांड को कोविड की ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जो इस पर विचार करके अपना फैसला जल्द से जल्द सुनाएगा जिसमें जेडीए के प्रतिनिधि भी होंगे।
४. कोविड ड्यूटी में कार्यरत हर जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक गजटेड सर्टिफिकेट मिलेगा जो आगे उसको सरकारी नौकरी में फायदा प्रदान करेगा।
५. समस्त जूनियर डॉक्टर जो कि कोविड में काम कर रहे हैं उनके और उनके परिवार के लिए अस्पताल में अलग से एक एरिया और बेड रिजर्व किया जाएगा एवम उनके उपचार के लिए प्राथमिकता दी जाएगी उस समय मौजूद सारे उचित उपचार उनके लिए मोहिया फ्री ऑफ कॉस्ट कराया जाएगा।
६. जितने जूनियर डॉक्टर कोविड ड्यूटी में कार्यरत हैं उनका अधिक कार्यभार देखते हुए उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
सोमवार सुबह से हड़ताल पर जाने की तैयारी
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक सरकार को इन वादों को पूरा करने के आश्वासन दिए हुए आज पूरे 23 दिन होने जा रहे हैं। अगर सरकार इसका आर्डर 30 मई तक लिखित में नहीं निकालती है तो जूनियर डॉक्टर्स को विवश होकर स्ट्राइक पर 31 मई सुबह 8:00 बजे से जाना पड़ेगा। जिसमें 31 तारीख को पहले सारी इमरजेंसी सेवाएं बंद करनी पड़ेगी और फिर भी कोई उचित कार्यवाही नहीं होती है तो आगे विवशता कोविड भी बंद करना पड़ सकता है। अगर सरकार अपने इन किए हुए वादों में से किसी भी वादे से मुकरती है तो हमारा पिछला समझौता पूरी तरह से निरस्त माना जाएगा और नए सिरे से समझौते का दौर चालू होगा।
हमारी पूर्ण मांगे जो हमने शुरुआती दौर से मांग की थी जब तक पूर्णतः मानी नहीं जाती हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और पूरे प्रदेश के सारे मेडिकल कॉलेज के कोई भी जूनियर डॉक्टर काम पर नहीं जाएंगे। इस हड़ताल की वजह से समाज में जो कोतुहल मचता है उसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार और उनके कर्मचारियों की होगी क्योंकि जूनियर डॉक्टर पिछले पांच महीनों से लगातार शांतिपूर्वक अपना काम पूरी लगन से कर रहे हैं मगर फिर भी सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नही उठाए हैं।