
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: देश-विदेश में प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में तिल चतुर्थी से पहले दान पेटियों की गिनती का कार्य सात दिनों तक चला, जो मंगलवार देर शाम पूर्ण हुआ। इस दौरान भक्तों ने भगवान गणेश को कुल 1 करोड़ 78 लाख 26 हजार 684 रुपये की राशि अर्पित की। दान में भारतीय मुद्रा के साथ विदेशी मुद्रा, चलन से बाहर हो चुकी करेंसी और भगवान के लिए चढ़ाए गए चांदी के आभूषण भी शामिल हैं।

दान पेटियों की गिनती पूरी तरह सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में की गई। यह प्रक्रिया ट्रेजरी अधिकारी, नगर निगम के कर्मचारियों और बैंक कर्मियों की मौजूदगी में संपन्न हुई। गिनती के दौरान दान पेटियों से बड़ी संख्या में पत्र भी निकले, जिनमें श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाएं और भावनाएं साझा की हैं।
पिछले 11 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2024 में खजराना गणेश मंदिर को अब तक की सबसे अधिक दान राशि प्राप्त हुई है। वहीं कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 में सबसे कम दान दर्ज किया गया था। इससे पहले चार माह पूर्व 1 अगस्त को दस दिन चली गिनती में मंदिर को 1 करोड़ 68 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई थी। मंदिर में हर वर्ष तीन बार दान पेटियों की गिनती की जाती है।
मंदिर परिसर में कुल 43 दान पेटियां स्थापित हैं। प्रबंध समिति के मैनेजर घनश्याम शुक्ला ने बताया कि गिनती के बाद प्राप्त पूरी राशि को मंदिर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और यूनियन बैंक के खातों में जमा करा दिया गया है। इसके बाद सभी दान पेटियों को पुनः सील कर निर्धारित सुरक्षित स्थानों पर रख दिया गया।
दान पेटियों से निकले पत्रों के माध्यम से श्रद्धालुओं द्वारा भगवान से की गई प्रार्थनाओं का सिलसिला अंतिम दिन तक जारी रहा। पश्चिम क्षेत्र में रहने वाली एक मां ने पत्र के माध्यम से अपनी बेटी का ट्रांसफर धामनोद से इंदौर कराने की गुहार भगवान गणेश से लगाई है। इसके अलावा अन्य पत्रों में नौकरी, पारिवारिक विवादों के समाधान और सुख-समृद्धि की कामनाएं व्यक्त की गई हैं।
| क्रम संख्या | तारीख | निकाली गई राशि |
|---|---|---|
| 1 | 8 दिसंबर | ₹64,00,000 |
| 2 | 9 दिसंबर | ₹39,00,000 |
| 3 | 10 दिसंबर | ₹34,00,000 |
| 4 | 11 दिसंबर | ₹19,00,000 |
| 5 | 12 दिसंबर | ₹11,00,000 |
| 6 | 15 दिसंबर | ₹2,50,000 |
| क्रम संख्या | वर्ष | दान की राशि (₹) |
|---|---|---|
| 1 | 2015 | 2,49,87,611 |
| 2 | 2016 | 2,87,16,600 |
| 3 | 2017 | 2,91,21,517 |
| 4 | 2018 | 3,52,02,361 |
| 5 | 2019 | 2,41,52,652 |
| 6 | 2020 | 1,06,91,360 |
| 7 | 2021 | 3,37,32,841 |
| 8 | 2022 | 4,01,64,779 |
| 9 | 2023 | 3,23,18,441 |
| 10 | 2024 | 4,89,93,309 |