इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Lecture Indore News। श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय वैज्ञानिकों की स्मृति में आयोजित स्मारक भाषणों की श्रृंखला में सेंटर आफ एक्सीलेंस प्लाज्मा रिसर्च द्वारा छठी विक्रम साराभाई स्मृति व्याख्यान किया गया। इसमें इंटरनेशनल सेंटर फार जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलाजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री डा. नवीन खन्ना भी मौजूद थे। उन्होंने ने लेबोरेटरी रिसर्च विषय पर व्याख्यान भी दिया।
डेंगू के खतरे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए डा. खन्ना के शोध के आधार पर बनी डेंगू डे-1 किट मानवता के लिए अमूल्य उपहार है। यह किट डेंगू निदान के लिए पहली पंक्ति परीक्षण किट है। कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पुरुषोत्तम दास पसारी ने कहा कि व्याख्यान युवाओं को समाज के विकास में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान का स्मरण कराते हैं और साथ ही वे प्रख्यात वैज्ञानिकों और विद्वानों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।
कुलपति डा. उपिंदर धर ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में विक्रम साराभाई के योगदान की याद दिलाई और छात्रों को विक्रम साराभाई के बहुमुखी व्यक्तित्व से प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक बनने की तमन्ना हर विद्यार्थी में होना चाहिए। पढ़ाई के दौरान शोध कार्यों पर ध्यान देना चाहिए और समाज के लिए ऐसे शोध करने चाहिए जो हमें दुनिया में नई पहचान दे। डा. खन्ना ने कहा कि निकट भविष्य में जब महामारी कोविड-19 की स्थिति सामान्य हो जाए तो हमें विद्यार्थियों से मिलना चाहिए और उन्हें रिसर्च तथा दूसरे बेहतर कार्यों के लिए लगातार प्रेरित करने की जरूरत होगी। कार्यक्रम का संचालन डा. नीतू कटारिया ने किया। कार्यक्रम में देशभर के 250 से ज्यादा शिक्षाविद, वैज्ञानिक और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।