नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। स्वच्छता में सिरमौर हमारे इंदौर ने अब राजनीति की स्वच्छता की ओर भी कदम बढ़ा दिया है। गुरुवार को हुए निगम परिषद सम्मेलन में लव जिहाद के लिए फंडिंग के आरोपित और वार्ड 58 के पार्षद अनवर कादरी की पार्षदी समाप्ति का प्रस्ताव पास हो गया। निगम इतिहास में संभवत: यह पहला अवसर है जब परिषद सम्मेलन में किसी पार्षद की पार्षदी खत्म करने का प्रस्ताव पास हुआ है। स्वीकृति की मुहर लगाने के लिए 57 पार्षदों की सहमति की आवश्यकता थी, लेकिन 67 पार्षदों ने सहमति जताई और कहा कि ऐसे आरोपित को पार्षद बने रहने का अधिकार ही नहीं है।
नगर निगम प्रस्ताव पास होने की सूचना राज्य शासन और निर्वाचन विभाग को भेजेगा ताकि वार्ड में जल्द से जल्द उपचुनाव हो सकें। कादरी की पार्षदी निरस्त करने के प्रस्ताव पर चर्चा से ठीक पहले कांग्रेसी पार्षदों ने सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया। वे सदन से बाहर आकर जमीन पर बैठ गए। उन्होंने ने चर्चा पर बहस में हिस्सा लिया न मतदान किया।
15 जून 2025 को पुलिस ने लव जिहाद के आरोप में साहिल और अलताफ नामक दो युवकों को पकड़ा था। दोनों आरोपितों ने अपने बयान में बताया था कि पार्षद अनवर कादरी ने उन्हें लव जिहाद के लिए फंडिंग की है। वह हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए मुस्लिम युवकों को एक लाख रुपये और निकाह करने के लिए दो लाख रुपये देता है। पुलिस द्वारा कादरी को आरोपित बनाने के बाद से वह फरार था। इस बीच जांच में उसके खिलाफ कई अन्य खुलासे भी हुए।
यह भी पता चला कि कादरी ने जम्मू-कश्मीर से फर्जी हथियार लायसेंस भी बनवा रखा है। एक अगस्त 2025 को कादरी ने जिला न्यायालय में सरेंडर कर दिया। इसके बाद से वह जेल में है। लवजिहाद के गंभीर आरोपों के बाद से कादरी की पार्षदी निरस्ती की मांग जोर पकड़ने लगी थी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस संबंध में संभागायुक्त को पत्र भी लिखा था जिस पर कार्रवाई करते हुए संभागायुक्त ने कादरी को नोटिस भी जारी किया।
गुरुवार को हुए निगम परिषद सम्मेलन में 71 प्रस्ताव रखे गए थे। कादरी की पार्षदी निरस्त करने का प्रस्ताव 67 वे नंबर पर था। इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होती इसके पहले ही कांग्रेस पार्षद दल ने हंगामा करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया। वे सदन से बाहर आकर नारेबाजी करे लगे।
85 पार्षद हैं नगर निगम में
57 पार्षदों की सहमति की आवश्यकता थी प्रस्ताव पास कराने के लिए
76 पार्षदों ने प्रस्ताव के पक्ष में दी सहमति
लवजिहाद के आरोपित पार्षद का फरार और जेल में रहना सिद्ध करता है कि उसकी पार्षदी रखने का कोई औचित्य नहीं है। जब जब कादरी पर आरोप लगते हैं सिद्ध भी हुए हैं। लव जिहाद के मामले में कांग्रेस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सम्मेलन में कांग्रेस पार्षद कादरी का प्रस्ताव आने से पहले सदन छोड़कर चले गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष विधानसभा उमंग सिंघार को बताना चाहिए कि क्या कांग्रेस लव जिहाद के पक्ष में है। निगम परिषद सम्मेलन में प्रस्ताव आने से पहले कांग्रेस के पार्षद सदन छोड़कर चले गए और बाहर धरने पर बैठ गए।
पुष्यमित्र भार्गव, महापौर।