
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देशभर में एलपीजी वितरकों ने सेवा शुल्क बढ़ाने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है। इंदौर में भी शुक्रवार से आंदोलन की शुरुआत की गई। इंडियन ऑयल, एचपीसीएल और बीपीसीएल के एलपीजी वितरकों ने सेवा शुल्क में बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो 6 नवंबर के बाद गैस सिलेंडर की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। तब तक चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा।
एलपीजी डिस्टिब्यूटर्स एसोसिएशन के आव्हान पर देशभर में एक साथ आंदाेलन शुरू किया गया है। पहले दिन शुक्रवार को इंदौर के 75 डिस्टिब्यूटर्स में से 20 ने अपर कलेक्टर रोशन राय को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि पिछले पांच वर्षों से वितरकों को मिलने वाला सेवा शुल्क और होम डिलीवरी प्रभार नहीं बढ़ाया गया है, जबकि खर्च कई गुना बढ़ चुके हैं।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय महामंत्री यज्ञेश राठी ने बताया कि पांच साल पहले वितरकों को प्रति सिलेंडर 70 रुपये का सेवा शुल्क और डिलीवरी प्रभार दिया गया था।

एलपीजी वितरकों ने अपर कलेक्टर रोशन राय को सौंपा ज्ञापन
इस दौरान दो बार सर्वे किया गया, जिसमें यह पाया गया कि वर्तमान परिस्थितियों में यह शुल्क कम से कम 135 रुपये होना चाहिए। इसके बावजूद पेट्रोलियम मंत्रालय ने अब तक वृद्धि नहीं की है। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई, कर्मचारियों के वेतन, परिवहन, भंडारण, एनओसी और अन्य अनुमतियों के खर्च ने वितरकों की स्थिति कठिन बना दी है। ज्ञापन सौंपने के दौरान गोविंद मंगल, केके धनोतिया, सुनील शर्मा, रणदीप सिंह गांधी, महेश वर्मा, हरीश गुरनानी, करण चौहान, धीरज राठौर और सलीम रजा सहित कई वितरक मौजूद रहे।
- पांच साल से नहीं बढ़ाया सेवा शुल्क
- वर्तमान में 70 रुपये मिलता है शुल्क
- 6 नवंबर तक चलेगा चरणबद्ध आंदोलन
- इसके बाद बंद होगी गैस की सप्लाई
- इंदौर के 70 से अधिक वितरक बंद करेंगे काम
राठी ने बताया कि आंदोलन का दूसरा चरण 29 अक्टूबर को होगा, जब शाम 7 बजे सभी वितरक अपने जिला मुख्यालय पर मशाल और मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद भी मांगें नहीं मानी गई, तो 6 नवंबर से “नो मनी, नो इंडेंट” आंदोलन के तहत वितरक न तो कंपनियों को पैसा जमा करेंगे और न ही सिलेंडर का ऑर्डर देंगे। इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी।