नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मध्य प्रदेश ग्रोथ कान्क्लेव में औद्योगिक क्षेत्र में 12,473 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। यह प्रस्ताव 15 कंपनियों द्वारा दिए गए हैं, जिससे 15 हजार लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। वहीं, रियल एस्टेट क्षेत्र में 1,812 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि रियल एस्टेट आज देश का सबसे अधिक प्रोगेसिव सेक्टर है और यह सेक्टर देश के नवनिर्माण में बड़ा सहयोग दे रहा है।
हम इस सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश के सभी बड़े शहरों में इसी तरह की ग्रोथ कान्क्लेव आयोजित कर रहे हैं और सबको घर मुहैया करा रहे हैं। रियल एस्टेट सेक्टर देश की जीडीपी में अब 8.5 प्रतिशत तक योगदान दे रहा है, जो कभी तीन प्रतिशत हुआ करता था। उन्होंने गुजरात की गिफ्ट सिटी का उदाहरण देते हुए ऐसी दस स्मार्ट सिटी मध्य प्रदेश में विकसित करने की बात कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ग्रोथ कान्क्लेव केवल एक निवेश आयोजन नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के उज्ज्वल शहरी भविष्य की बुनियाद है।
हम मध्य प्रदेश को ऐसा राज्य बनाना चाहते हैं, जहां हर वर्ग को अवसर, सुविधा और सुरक्षित जीवन मिले। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी विशेष रूप से मौजूद थे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रमुख निवेशकों से वन-टू-वन चर्चा भी की। मुख्यमंत्री ने हुडको के अध्यक्ष संजय कुलश्रेष्ठ, पटेल इंफ्रा के अरविंद विदुलभाई पटेल, आईटीसी के आशीष पाल, ओमेक्स ग्रुप के मोहित गोयल आदि से रूबरू चर्चा की। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास के साथ ही हुकमचंद मिल क्षेत्र के पुनर्विकास कार्यों की चर्चा की।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर ने बैलगाड़ी, तांगे से मेट्रो तक का सफर कर स्वयं को बदला है। यहां के लोगों के सहयोग से यह शहर लगातार सात बार से स्वच्छ शहर है। इंदौर सेंट्रल इंडिया का सबसे अच्छा और सस्ता शहर है। इंदौर के आसपास धार्मिक और कई पर्यटन स्थल भी हैं, जो इसे खास बनाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि शहरों को इकोनामी ग्रोथ सेंटर बनाएं, प्रदेश सरकार इसी पर कार्य कर रही है। इसी के तहत मास्टर प्लान ला रहे हैं और मेट्रोपालिटन रीजन बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के शहरों के विकास के लिए 12,360 करोड़ रुपये प्रदान किए। इसमें इंदौर शहर के लिए अमृत 2.0 अंतर्गत जलप्रदाय एवं सीवरेज योजना के लिए 2,382.03 करोड़ रुपये दिए गए। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत उपयोगित जलप्रदाय प्रबंधन और अधोसंरचना विकास के लिए 257 परियोजनाओं के लिए 3,562.27 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 65,044 हितग्राहियों को 2,799.26 करोड़ रुपये की राशि अंतरण की गई।
इन क्षेत्रों में मिले निवेश प्रस्ताव एवं दिया अनुदान- 12,473 करोड़ रुपये निवेश औद्योगिक क्षेत्र में- 3,344 करोड़ रुपये निवेश होटल क्षेत्र में- 1,812 करोड़ रुपये निवेश रियल एस्टेट में- 72.45 करोड़ रुपये निवेश एजुकेशन सेक्टर में- 500 करोड़ रुपये निवेश रिन्यूअल एनर्जी क्षेत्र में- 100 करोड़ का निवेश आइटी क्षेत्र में- 2,784 करोड़ के निवेश इंदौर एवं भोपाल प्राधिकरण को मिले - 1,320 करोड़ का नगरीय निकायों को अनुदान दिया गया।