इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहे के काटने से बच्चों की मौत को लेकर पेश होगी स्टेटस रिपोर्ट
इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहे के काटने से बच्चों की मौत मामले में मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में आज सुनवाई होगी। कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया, स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। शासन टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया, कई खामियां मिलीं। एनआईसीयू में एक मरीज-एक नर्स नियम का पालन नहीं था, सफाई व्यवस्था अपर्याप्त पाई गई।
Publish Date: Mon, 15 Sep 2025 09:37:18 AM (IST)
Updated Date: Mon, 15 Sep 2025 09:42:42 AM (IST)
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ। फाइल फोटोHighLights
- एमपी हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर स्टेटस रिपोर्ट मांगी।
- निरीक्षण में एनआईसीयू में नियम पालन नहीं, सफाई अपर्याप्त।
- NICU शिफ्ट करने, सख्त कार्रवाई, गाइडलाइन पालन के सुझाव।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एमवाय अस्पताल के चूहा कांड में सोमवार को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष सुनवाई होगी। कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर 10 सितंबर को याचिका दायर की थी। उसी दिन कोर्ट ने शासन को निर्देश दिए थे कि वह मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर बताए कि आखिर मामले की वास्तविक स्थिति क्या है। घटना के बाद शासन ने क्या और किन-किन के खिलाफ कार्रवाई की है।
इसके बाद शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विश्वजीत जोशी, उप महाधिवक्ता सुदीप भार्गव और सहायक अधिवक्ता कृतिका होते ने एमवाय अस्पताल के शिशुरोग विभाग, शिशु सर्जरी विभाग, एनआइसीयू आदि का निरीक्षण किया था। टीम निरीक्षण के बाद सोमवार को अपनी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर देगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष माथुर ने न्यायालय की सहायता करने की अनुमति चाही थी। कोर्ट ने उन्हें इसकी अनुमति प्रदान करते हुए उन्हें न्यायमित्र बनाया है। कोर्ट ने एडवोकेट कीर्ति पटवर्धन को उनकी सहायता के लिए कहा है।
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जांच में यह मिला
- हाई कोर्ट के निर्देश पर एमवायएच का निरीक्षण करने पहुंची टीम को अस्पताल में कई खामियां मिलीं। अस्पताल नियमों के अनुसार एनआइसीयू में एक मरीज-एक नर्स के नियम का पालन होना था। एनआइसीयू में इस नियम का पालन करते हुए दो नवजात के पास दो नर्स तैनात तो थीं, लेकिन जिस वक्त चूहे नवजातों के अंग कुतर रहे थे, वे मौके पर मौजूद नहीं थीं।
- यह बात भी सामने आई कि अस्पताल के आसपास के क्षेत्र में सफाई व्यवस्था अपर्याप्त है। इसके लिए निगम को जिम्मेदार माना गया है।
- पीडब्ल्यूडी को निर्माण का जो काम बहुत पहले पूरा कर लेना था, वह अधूरा मिला।
- जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि पहली घटना के तुरंत बाद अगर कार्रवाई करते हुए सावधानी बरत ली जाती तो चूहे दूसरे नवजात के अंग नहीं कुतरते, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
- वर्ष 2024 की अस्पताल गाइडलाइन के पालन के लिए चेक पाइंट बनाए जाने की आवश्यकता बताई गई है।
ये सुझाव दिए गए
- एनआईसीयू को कुछ समय के लिए सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में शिफ्ट किया जाना चाहिए।
- अस्पताल गाइडलाइन के पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।