Malwa Nimar Weather Update: इंदौर (नईदुनिया टीम)। प्रदेश सहित मालवा-निमाड़ के जिलों में गुरुवार को अचानक बदले मौसम से किसानों पर संकट के बादल छा गए। कई जिलों में तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। मौसम के इस बदले रुख से गेहूं की फसल को नुकसान होने की आशंका जताई गई है। धार जिले की सरदारपुर तहसील के 25 ग्रामों में असर ज्यादा हुआ है। यहां आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
धार : नुकसानी का आकलन करने मैदानी टीम गांव में पहुंची जिले के सरदारपुर और राजगढ़ क्षेत्र में दोपहर में अचानक मौसम बदला और बारिश शुरू हो गई। दोनों क्षेत्र के करीब 25 से अधिक गांव में तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई है। कृषि विभाग के उपसंचालक आर जामरे ने बताया कि नुकसानी का आकलन करने मैदानी टीम गांव में पहुंच गई है। हालांकि बड़े स्तर पर नुकसान नहीं हुआ है। केसूर के पास ग्राम बिजूर में आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत हो गई है व एक अन्य झुलस गया है।
झाबुआ : नगर में गुरुवार दोपहर में तेज बारिश हुई, वहीं कहीं-कहीं ओले भी गिरे। खरगोन : जिले की भगवानपुरा जनपद के ग्राम आमलिया में करीब 30 मिनट तक नीबू जैसे बड़े आकार के ओले गिरे। इससे पहाड़ी अंचल में कश्मीर सा नजारा दिखाई दिया। इधर, शहर में भी दोपहर बाद बारिश हुई।
बड़वानी : जिला मुख्यालय पर करीब 20 मिनट बूंदाबांदी हुई। खंडवा : शहर में देर शाम गड़गड़ाहट के साथ तेज बारिश हुई।
ओंकारेश्वर : नगर में तेज बारिश होने से बिजली गुल हो गई है। मौसम बदलने से नर्मदा जयंती की तैयारियां भी प्रभावित हुई हैं।
बुरहानपुर : नगर में दो दर्जन गांवों में दोपहर 12 बजे पौन घंटे तक तेज बारिश हुई। इससे खेतों में खड़ी फसल आड़ी पड़ गई है। फसलों में 80 फीसद तक नुकसान होने की आशंका है।
इंदौर, खंडवा, खरगोन में बौछारें पड़ने की संभावना
दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। वहीं उत्तर-मध्य महाराष्ट्र से केरल होते हुए कर्नाटक तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) भी बनी हुई है। इन दो सिस्टम के सक्रिय रहने से अरब सागर से दक्षिण मध्य प्रदेश में नमी आ रही है। इससे बादल छाए हैं और इंदौर, खंडवा, खरगोन, भोपाल, रायसेन में कहीं-कहीं बौछारें पड़ने की संभावना है।
अब साफ होने लगेगा मौसम, गिरेगा न्यूनतम तापमान
मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया अरब सागर से मिल रही नमी के कारण दक्षिणी मप्र में बादल छाए हैं और बौछारें पड़ने की संभावना है। शुक्रवार से सिस्टम कमजोर पड़ने से बादल छंटेंगे और मौसम साफ होने लगेगा। इससे रात के तापमान में गिरावट होने लगेगी। 20 फरवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में पहुंचेगा। हालांकि आवृत्ति कमजोर होने से इस सिस्टम का मप्र पर असर होने की संभावना कम है।