
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। पत्नी से तलाक लिए बगैर दोबारा विवाह करने वाले आरोपित को विशेष न्यायालय ने दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। आरोपित का यह पांचवा विवाह था। पूर्व में वह चार विवाह कर चुका था, लेकिन किसी को तलाक नहीं दिया। पांचवी पत्नी को जब यह बात पता चली तो इसका विरोध किया। आरोपित उससे विवाद करने लगा और जबरदस्ती संबंध बनाए। उसने धमकी भी दी थी कि यह बात अगर किसी को बताई तो वह जान से खत्म कर देगा।
एजीपी जयंत दुबे ने बताया कि इंदौर निवासी युवती का विवाह 17 जून 2022 को आपसी सहमति से आरोपित के साथ हुआ था। विवाह के बाद वह करीब 89 माह तक राजगढ़ जिला स्थित अपने ससुराल रही। वहां उसके साथ छोटी-छोटी बात को लेकर मारपीट होती थी जिसके बाद उसने इसकी शिकायत पुलिस में की और पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवा दिया।
इसके बाद महिला मायके आकर रहने लगी। 25 मई 2023 को आरोपित इंदौर आया और पत्नी को साथ लेकर चला गया। महिला 67 दिन ससुराल में रही। इस दौरान महिला को पता चला कि उसके पति के पूर्व में चार विवाह हो चुके हैं और इन विवाह से उसके बच्चे भी है।
उसने बगैर तलाक दिए ही उसके साथ विवाह किया और संंबंध बनाए। विवाह के पूर्व पति खुद को शासकीय सेवक बताते हुए कहता था कि वह फूड इस्पेक्टर है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ भादवि की धारा 376 (2)(एन), 294, 323, 506, भाग दो 494, 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया।
विशेष न्यायालय ने आरोपित को दुष्कर्म के आरोप में दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने आरोपित पर साढ़े सात हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पीडिता को प्रतिकर राशि दिलवाए जाने की अनुशंसा भी की है।