उदयप्रताप सिंह.इंदौर
शहर में जन्माष्टमी पर होने वाले मटकी फोड़ समारोह को लेकर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। सोमवार को बॉम्बे हाईकोई ने मुंबई में होने वाले दही हांडी के आयोजनों को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें आयोजन की अनुमति लेने से लेकर मटकी फोड़ में शामिल होने वाले युवाओं की सुरक्षा और आयोजन से आमजन को होने वाली समस्याओं को लेकर खासे इंतजाम करने को कहा गया है। आईनेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया है कि शहर में होने वाले एक दर्जन से अधिक बड़े आयोजनों में गिनी-चुनी समितियां ही जिला प्रशासन की अनुमति लेती हैं। यहां सुरक्षा के इंतजाम भी नाममात्र के होते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की गाइडलाइन के बाद जिला प्रशासन ने इंदौर के आयोजनों पर सख्ती करने की बात कही है, वहीं आयोजक भी स्वीकार कर रहे हैं कि वे अपनी ओर से सुरक्षा का पूरा इंतजाम करने की कोशिश करेंगे।
मुंबई की तर्ज पर इंदौर में होने वाला मटकी फोड़ का आयोजन युवाओं के उत्साह के लिए पहचाना जाता है। पश्चिमी इंदौर के कई बाजारों में परंपरागत तरीके से मटकी फोड़ की परंपरा का निर्वाह किया जाता है। साल दर साल मटकी फोड़ आयोजन की लोकप्रियता बढ़ने के कारण स्कूल, कॉलेजों के अलावा गली-मोहल्लों में भी यह समारोह धूमधाम से होने लगा है। नियमानुसार ऐसे आयोजन के लिए प्रशासन की अनुमति ली जाना चाहिए लेकिन कई समितियां बिना अनुमति के ऐसे आयोजन करती हैं।
शहर में एक दर्जन से ज्यादा आयोजन
कृष्ण के माखन चोर स्वरूप को प्रदर्शित करने के लिए जन्माष्टमी पर युवाओं की टोलियां मटकी फोड़ का आयोजन करती है। गौराकुंड, लोहार पट्टी और इतवारिया बाजार में परंपरागत तरीके से आयोजन होते आ रहे हैं। इनके अलावा शहर में एक दर्जन से ज्यादा कालोनियों में भी कार्यक्रम होते हैं। इन स्थानों पर युवाओं की कई टोलियां एक-दूसरे से मटकी फोड़ को लेकर प्रतिस्पर्धा भी करती हैं।
घायल हो जाते हैं कई युवा
जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ की प्रतियोगिताओं के दौरान युवा पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर बांधी गई मटकी को फोड़ने का प्रयास करते हैं। कई बार असावधानी बरतने के कारण पिरामिड बनाने के दौरान लोग गिर भी जाते हैं। इससे कई युवा घायल भी हो जाते हैं। इंदौर में भी मटकी फोड़ आयोजनों में युवाओं के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ मामले सामने आ चुके हैं। पश्चिम क्षेत्र में मटकी फोड़ के आयोजन में एक युवक के गिरने से सिर पर गंभीर चोट लगने की घटना भी सामने आई थी।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जारी किए निर्देश
मुंबई में मटकी फोड़ के सैकड़ों आयोजनों के दौरान युवाओं के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं साल दर साल बढ़ती जा रही थी। इन पर रोक लगाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट ने युवाओं की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक 18 साल से कम उम्र का कोई भी युवक मटकी फोड़ में शामिल नहीं हो सकेगा। सामान्यतः ऐसी प्रतियोगिता में 12 से 13 वर्ष के किशोरों को भी शामिल कर लिया जाता है। कई बार वजन कम होने के कारण कम उम्र के युवाओं को पिरामिड के ऊपरी हिस्से में चढ़ाया जाता है। अब कोर्ट के निर्देश के बाद कम उम्र के युवाओं को शामिल नहीं किया जा सकेगा।
शहर में 30 से 40 फीट ऊंचाई पर बांधी जाती है मटकी
मुंबई में अक्सर देखने में आता है कि मटकी फोड़ प्रतियोगिता को रोचक बनाने के लिए आयोजक मटकी की ऊंचाई 35 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर बांधते हैं। इंदौर मे होने वाले आयोजनों में 30 से 35 फीट ऊंचाई पर मटकी को बांधा जाता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी आयोजन में 20 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर मटकी नहीं बांधी जाएगी। हालांकि अपनी वाहवाही व प्रतियोगिता को रोचक बनाने की आड़ में कई आयोजक मटकी की ऊंचाई कम करने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इंदौर में जिला प्रशासन के अफसरों का कहना है कि कोर्ट के निर्देश का पालन करवाएंगे।
सिर्फ दो-तीन आयोजक ही लेते हैं प्रशासन से अनुमति
शहर में एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर मटकी फोड़ के आयोजन होते हैं। नियमानुसार आयोजक को इसके लिए जिला प्रशासन से धारा 144 के तहत अनुमति लेना अनिवार्य है, लेकिन हकीकत यह है कि सिर्फ दो-तीन आयोजक ही प्रशासन की अनुमति लेते हैं। जिला प्रशासन के अफसर भी यह स्वीकारते हैं कि कई आयोजन उनकी अनुमति के बगैर ही हो जाते हैं, लेकिन इस बार बिना अनुमति होने वाले आयोजनों पर कार्रवाई की जाएगी।
आयोजन स्थल पर नहीं होते सुरक्षा के इंतजाम
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मटकी फोड़ में शामिल होने वाले युवाओं के लिए सेफ्टी के उपकरणों को भी अनिवार्य किया है। हकीकत यह है कि मुंबई ही नहीं इंदौर में होने वाले आयोजनों में भी युवाओं की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं होते। सुरक्षा के नाम पर आयोजक रेत, मिट्टी व घास का मैदान तैयार करते हैं। नियमानुसार युवाओं को खास हेलमेट दिए जाना चाहिए ताकि ऊंचाई से गिरने पर चोट नहीं आए, लेकिन बहुत कम स्थानों पर ही युवा हेलमेट पहनते हैं। हालांकि कुछ आयोजकों का कहना है कि वे युवाओं को हेलमेट पहनाते हैं। आयोजन स्थल पर किसी भी तरह की दुर्घटना के लिए एम्बुलेंस व डॉक्टर का होना अनिवार्य है लेकिन इस ओर भी कोई ध्यान नहीं देता। किसी भी स्थान पर डॉक्टर मौजूद नहीं रहते।
सड़कों के ट्रैफिक में बाधा बनते हैं आयोजन
कई स्थानों पर मैदान नहीं होने के कारण आयोजक सड़कों पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता करवाने लगे हैं। वे इस बात का भी ध्यान नहीं रखते कि सड़कों पर बैरिकेड्स लगाकर उनके इस तरह के आयोजन से उस रास्ते गुजरने वाले लोगों को परेशान होना पड़ेगा। कई गली-मोहल्लों में बच्चों के लिए सुरक्षित तरीके से टेबल पर मटकी रख आंख पर पट्टी बांधकर मटकी फोड़ने की प्रतियोगिता रखी जाती है। ऐसे आयोजन सड़क पर होते हैं। इस कारण रास्ता बंद हो जाता है। इस कारण वाहन चालक को काफी परेशान होना पड़ता है। ऐसे मौके पर न ट्रैफिक पुलिस और न थानों द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है।
एक दर्जन से ज्यादा टीमें होती हैं शामिल
गौराकुंड चौराहे पर पिछले कई वर्षों से मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन संस्था सृजन के माध्यम से हो रहा है। यहां पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता में हर साल 16 टीमें शामिल होती हैं। पिछले कई वर्षों से हो रही इस प्रतियोगिता को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं। यहां पर 30 फीट ऊंची मटकी बांधी जाती है लेकिन इस बार आयोजक इसकी ऊंचाई कम करने की बात कह रहे हैं। इसके पास ही मल्हारगंज में भारत माता चौक पर भी धर्म रक्षा समिति द्वारा पिछले 10 वर्षों से मटकी फोड़ प्रतियोगिता की जा रही है। यहां पर भी 10 से 12 टीमें शामिल होती हैं। इसके अलावा इतवारिया बाजार व शहर की कई कालोनियों में भी मटकी फोड़ प्रतियोगिता होती है।
वर्जन
मटकी की ऊंचाई करेंगे कम
परंपरागत तरीके से कई वर्षों से हम मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं। हम 30 फीट की ऊंचाई पर मटकी बांधते हैं। कोर्ट के निर्देश पर हम इस बार मटकी की ऊंचाई कम करेंगे। वैसे तो ऐसे आयोजनों के लिए प्रशासन की अनुमति की जरूरत नहीं। बहुत जरूरी होगा तो अनुमति लेंगे। युवाओं की सुरक्षा के लिए हम उन्हें हेलमेट देते हैं।
कमलेश खंडेलवाल, आयोजक, संस्था सृजन
एम्बुलेंस व डॉक्टर का करेंगे इंतजाम
2004 से धर्म रक्षा समिति के बैनर तले भारत माता चौक पर मटकी फोड़ का आयोजन होता है। हम 18 से 20 फीट ऊंची मटकी ही बांधते हैं। युवाओं की सुरक्षा के लिए घास की पिंडियां व मैटिंग बिछाई जाती है। इस बार कोशिश करेंगे कि आयोजन स्थल पर एम्बुलेंस व डॉक्टर का इंतजाम रखें।
- गोविंद पुरोहित, सदस्य धर्म रक्षा समिति
इस बार नियम कायदों में ही होगी मटकी फोड़ प्रतियोगिता
हर बार दो-तीन संस्थाएं ही हमसे मटकी फोड़ प्रतियोगिता की अनुमति लेती हैं। यह सही है बिना अनुमति के कई जगह आयोजन होते हैं। इस बार प्रशासन की अनुमति के बगैर होने वाले आयोजनों पर कार्रवाई करेंगे। कोर्ट के फैसले के बाद मटकी की ऊंचाई 20 फीट रखने व दूसरे कायदों का भी पालन करवाएंगे।
- आलोक सिंह, एडीएम