सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को कहा फीस की जानकारी सार्वजनिक करो, कैथोलिक स्कूल पहुंचे हाईकोर्ट
स्कूलों की ओर से दायर इन याचिकाओं में स्कूल फीस की बढ़ोत्तरी, स्कूल फीस ढांचे की जानकारी सार्वजनिक करने पर रोक लगाने की मांग की है। शासन की ओर से प्रस्तुत जवाब में कहा गया है कि छात्रों के अभिभावकों को राहत देने के लिए स्कूल फीस को नियंत्रित करना जरूरी है।
Publish Date: Wed, 16 Jul 2025 08:39:23 PM (IST)
Updated Date: Wed, 16 Jul 2025 08:49:15 PM (IST)
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ/HighLights
- कैथोलिक स्कूलों की फीस का मामला पहुंचा हाई कोर्ट।
- कहा कि हम अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाली संस्था हैं।
- इस मामले में अब एक सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। निजी स्कूलों को फीस की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने के शासन के आदेश के खिलाफ कैथोलिक डायसिस और अन्य मिशनरी संस्थाएं हाई कोर्ट पहुंच गई हैं। इनका कहना है कि वे अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाली संस्थाएं हैं और शिक्षा के प्रसार के लिए काम कर रहे हैं। फीस की जानकारी सार्वजनिक करने के बाद शासन हमारा नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है।
![naidunia_image]()
- गौरतलब है कि शासन ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर सभी निजी स्कूलों से कहा था कि वे अपनी फीस की पूरी जानकारी सार्वजनिक करें।
- उन्हें यह भी बताना है कि उन्होंने शैक्षणिक वर्ष में किस अनुपात में फीस बढ़ाई है। स्कूलों की ओर से दायर इन याचिकाओं में स्कूल फीस की बढ़ोत्तरी, स्कूल फीस ढांचे की जानकारी सार्वजनिक करने पर रोक लगाने की मांग की है।
शासन की ओर से प्रस्तुत जवाब में कहा गया है कि छात्रों के अभिभावकों को राहत देने के लिए स्कूल फीस को नियंत्रित करना जरूरी है।
स्कूलों से फीस ढांचे को सार्वजनिक करने के लिए ये आदेश जारी किया गया है ताकि बच्चों के परिजनों सहित सभी को पता रहे कि स्कूलों द्वारा कितनी फीस बढ़ाई जा रही है।
ये नियम सभी निजी स्कूलों के लिए हैं। इसमें बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक वर्ग की सभी संस्थाएं शामिल हैं।
किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। बहस के दौरान सरकारी स्कूलों की बात भी उठी।
इस पर शासन की ओर से बताया गया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा निशुल्क है।
बुधवार को हुई सुनवाई में संस्थाओं की ओर से शासन के जवाब पर प्रतिउत्तर प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा गया। मामले में अब एक सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी।