
विनय यादव, नईदुनिया, इंदौर। एसआईआर का काम महिला कर्मचारियों के लिए अब परेशानियों का कारण बनता जा रहा है। जटिल प्रक्रिया के तहत मतदाताओं तक पहुंचकर फार्म भरवाने में जुटी महिला बीएलओ एवं अन्य सहायिकाओं को फोन लगाकर कुछ असामाजिक तत्व अश्लील बातें कर रहे हैं। इसके कारण वे काफी परेशान हो गई और उन्हें अपना मोबाइल तक बंद करना पड़ा है। साथ ही इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस की महिला हेल्पलाइन पर भी की गई है।
सर्वे के लिए दिए जाने वाले मतदाता फार्म में इन महिला बीएलओ का मोबाइल नंबर अंकित होने से आसानी से लोगों तक नंबर पहुंच रहे है। मध्य प्रदेश के साथ ही 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुननिरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया जारी है। इंदौर में भी 2625 पोलिंग बूथों पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और सहायक मतदाताओं के फार्म भरवाने में जुटे हैं। इसमें शिक्षिकाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन यह कार्य महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन रहा है।
माध्यमिक स्कूल की एक शिक्षिका को एक युवक द्वारा तीन दिन तक अलग-अलग नंबरों से फोन लगाकर परेशान किया गया। इससे परेशान होकर उन्होंने महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 पर संपर्क किया। इसके बाद 112 से उन्हें फोन आया और शिकायत सुनी गई। शिक्षिका ने अधिकारियों से भी शिकायत की है। उन्होंने बताया कि फार्म जमा करने के लिए लोगों से संपर्क करना पड़ता है। एक अज्ञात नंबर से फोन आया, उन्होंने कहां कि हमारा काम कर दोगे।
मुझे लगा एसआईआर से जुड़ा मामला होगा, इस पर मैंने हां कर दी। इसके बाद बीएलओ से बात करवाई, तो अश्लील शब्द बोलने लगा। तीन बार फोन आया और वह इसी तरह बात करने लगा। उसका मोबाइल नंबर ब्लाक कर दिया तो अगले दिन सुबह 7.30 बजे नए नंबर से फोन लगाने लगा। इसके अलावा कई अन्य शिक्षिकाएं भी हैं, जो इस तरह की परेशानी का सामना कर रही है। कई लोग उन्हें देर रात फोन लगाकर परेशान कर रहे हैं।
इंदौर जिले में दो हजार से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी एसआईआर के कार्य में लगी है। इनमें करीब 50 प्रतिशत महिला शिक्षिकाएं हैं। ये स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना छोड़कर एसआईआर के काम में जुटी हैं। विद्यार्थियों को भी शिक्षक नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ रहा है। कई स्कूलों में तो ताले तक लग गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार वार्षिक परीक्षा के परिणामों में भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।