नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: इसरो द्वारा लगातार उपग्रह लांच किए जा रहे हैं। अब नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (निसार) उपग्रह के इस माह के अंत तक लांच होने की संभावना है। निसार उपग्रह उन्नत रडार इमेजिंग का उपयोग करके पृथ्वी के अभूतपूर्व विस्तृत दृश्य प्रदान करेगा। यह भूकंप, सूनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन जैसे प्राकृतिक आपदाओं सहित ग्रह की जटिल प्रक्रियाओं को मापने के लिए बनाया जा रहा है। यह प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े अहम आंकड़े प्रदान करेगा। यह जानकारी इसरो के इंफार्मेशन सिस्टम्स के निदेशक राजीव चटवानी ने बुधवार को इंदौर के जाल सभागृह में आयोजित मिशन शक्तिसैट के कार्यक्रम में दी।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि निसार उपग्रह की लांचिंग की तैयारी के साथ ही गगनयान पर लगातार कार्य चल रहा है, जिसके माध्यम से यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की कोशिश कर रहे हैं। चंद्रयान-चार और वीनस आर्बिटर मिशन की भी मंजूरी मिल गई है। भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की भी मंजूरी हो चुकी है। इसरो का लक्ष्य वर्ष 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का है, जहां अंतरिक्ष यात्री जाकर रह सकेंगे। मिशन शक्तिसैट में मध्य प्रदेश से चयनित 20 छात्राओं का सम्मानित किया गया।
मिशन के लिए शासकीय स्कूलों से छात्राओं का चयन किया गया है। इन्हें 120 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मिशन का नेतृत्व स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा किया जा रहा है, जिसमें 108 देशों की 12 हजार बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आत्मविश्वास रॉकेट की तरह, आप जहां चाहें वहां पहुंच सकते हैं। इसरो के निदेशक राजीव चटवानी ने छात्राओं से कहा कि आप भी रिकॉर्ड बना सकते हैं, क्योंकि आप क्रिएटिव हैं। आप चाहें तो क्या नहीं कर सकते हैं। आप भविष्य में अंतरिक्ष यात्री भी बन सकते हैं। आत्मविश्वास रॉकेट की तरह है, जो आपको जहां चाहें वहां पहुंचा सकता है। आप मिशन शक्तिसैट का हिस्सा हैं। आप भविष्य के डिसीजन मेकर हैं। हमारे दो प्रोजेक्ट में डायरेक्टर अभी महिलाएं हैं। हमें हमेशा सीखते रहना चाहिए।
विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) जया तारे ने बताया कि मिशन के अंतर्गत छात्राएं सैटेलाइट के डिजाइन, निर्माण, परीक्षण और प्रक्षेपण की बारीकियों को सीख रही हैं। जनवरी 2026 में श्रीहरिकोटा में इस सैटेलाइट की फाइनल असेंबलिंग कर सितंबर 2026 में चंद्रयान-26 मिशन के साथ इसका प्रक्षेपण किया जाएगा। इन छात्राओं का हुआ सम्मान मिशन के लिए मध्य प्रदेश के शासकीय स्कूलों से चयनित आरती पवार, अक्षरा जैन, भावना जगदाले, दर्शना शर्मा, गौरी भदौरिया, कलश जैन, कनक चौधरी, कृष्णा खजेकर, खुशी तायड़े, मुस्कान चौधरी, मुस्कान केरो, निधि शर्मा, प्राची चौधरी, राशि चौरे, रिया पवार, शीतल मोरे, सुहानी मेश्राम, सुजाता इंगले, तानिया यादव और वंशिका सोलंकी को सम्मानित किया गया। छात्राओं ने बताया कि इस मिशन के तहत हमें उपग्रह के बारे में जानने का मौका मिल रहा है। अभी तक हम जो पढ़ते थे, उसे सीखने का अवसर मिल रहा है। हमारा सपना है कि हम अंतरिक्ष यात्री बनें।