नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। आज के समय में बीमारियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं। जो बीमारियां पहले बुजुर्ग अवस्था में होती थी, अब वह युवावस्था में होने लगी है। इन बीमारियों से राहत के लिए इंदौर में नेचुरोपैथी व पंचकर्म सेंटर खोला जा रहा है। जहां एलोपैथी दवाईयों के बिना मरीजों को उपचार किया जाएगा। इस तरह के सेंटर केरल सहित अन्य राज्यों में हैं। जहां देश-विदेश से मरीज इलाज के लिए आते हैं और उन्हें स्वस्थ होकर लौटते हैं। सेंटर खोलने के लिए अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज प्रबंधन ने कैलोद करताल में करीब छह हेक्टेयर जमीन देखी है। जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों के मुताबिक तनाव, भागदौड़ और असंतुलित खानपान की वजह से आज हर दूसरा व्यक्ति डायबिटीज, हाई बीपी और हृदय रोग जैसी बीमारियों से जूझ रहा है। अब लोग एलोपैथी से ज्यादा प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज की ओर बढ़ने लगे हैं। बता दें कि लंबे समय से इसे खोलने की योजना बन रही है।
अधिकारियों के मुताबिक नेचुरोपैथी सेंटर में इलाज के साथ ही विद्यार्थी और शोधार्थी नए प्रयोग कर सकेंगे। सेंटर में औषधीय पौधों का बड़ा संग्रह होगा, जिनकी जानकारी जनता को भी दी जाएगी। साथ ही यहां वन औषधि उद्यान, नवग्रह वाटिका और फार्मेसी सेंटर विकसित किए जाएंगे, जहां आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार होंगी।
बिचौली हप्सी तहसील के कैलोद करताल में 6.19 हेक्टेयर जमीन पर इसे बनाने की योजना बनाई जा रही है। यह जगह शहरी क्षेत्र से पास में रहेगी, जहां मरीजों को आवागमन में परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। कुछ दिनों पहले कॉलेज प्रशासन और नायब तहसीलदार ने यहां निरीक्षण भी किया है।
बता दें कि वर्ष 1972 में अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज शुरू हुआ था। लेकिन अभी यहां कई सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। नया सेंटर बनने से यहां आडिटोरियम, रिसर्च लैब की सुविधाएं भी मिलने लगेगी। इस सेंटर में पंचकर्म, योग और औषधीय पौधों से बने उपचार उपलब्ध होंगे।
- हार्ट, शुगर और बीपी जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलेगी।
- शरीर की डिटाक्स थेरेपी और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उपचार मिलेंगे।
- बिना किसी साइड इफेक्ट के प्राकृतिक औषधियों से इलाज होगा।
- मरीजों को तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी निजात पाने में मदद मिलेगी।