MP Board: माशिमं से 12वीं पास करने वाले ही श्रेणी सुधार आवेदन के पात्र, हाईकोर्ट का फैसला
मामला छात्र ऋग्वेद और अन्य का है। इन छात्रों ने इंडियन सर्टिफिकेट आफ सेकंडरी एजुकेशन, नईदिल्ली (आईसीएसई) से 12 की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इन छात्रों ने अपनी श्रेणी सुधारने के लिए एक बार फिर माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त स्कूल में प्रवेश लिया।
Publish Date: Wed, 16 Jul 2025 07:46:11 PM (IST)
Updated Date: Wed, 16 Jul 2025 07:59:26 PM (IST)
माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं)HighLights
- हाईकोर्ट युगलपीठ ने निरस्त किया एकलपीठ का फैसला।
- कोर्ट ने माना माध्यमिक शिक्षा मंडल वैधानिक प्राधिकारी है।
- उसके कानून के विपरीत कार्य करने को नहीं कह सकते।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। श्रेणी सुधार के मामले में हाई कोर्ट की युगलपीठ ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने एकलपीठ के फैसले को निरस्त करते हुए कहा है कि जिस छात्र ने 12 की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) से उत्तीर्ण की है सिर्फ वही श्रेणी सुधार के लिए माशिमं से दोबारा परीक्षा दे सकता है। अन्य किसी बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला श्रेणी सुधार के लिए माशिमं से दोबारा परीक्षा नहीं दे सकता।
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- मामला छात्र ऋग्वेद और अन्य का है। इन छात्रों ने इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकंडरी एजुकेशन, नईदिल्ली (आईसीएसई) से 12 की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
- इन छात्रों ने अपनी श्रेणी सुधारने के लिए एक बार फिर माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त स्कूल में प्रवेश लिया।
- उन्होंने परीक्षा फार्म भरा लेकिन माशिमं ने यह कहते हुए इन्हें रोक दिया था।
- माशिमं से 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले ही श्रेणी सुधार के लिए दोबारा परीक्षा दे सकते हैं।
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- छात्रों ने हाई कोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की थी।
- इसका निराकरण करते हुए कोर्ट ने यह माना था चूंकि छात्रों ने प्रवेश लेने से पहले कोई तथ्य छुपाए नहीं हैं।
- माशिमं ने भी फार्म स्वीकारते हुए कोई आपत्ति नहीं ली थी इसलिए उनका परिणाम घोषित किया जाए।
- एकलपीठ के इस फैसले के खिलाफ माशिमं ने अपील दायर की।
- हाई कोर्ट ने इस अपील को स्वीकारते हुए एकलपीठ के आदेश को निरस्त कर दिया।
- कोर्ट ने माना कि माशिमं एक वैधानिक प्राधिकारी है। उसके कानून के विपरीत कार्य करने के निर्देश नहीं दिए जा सकते।