नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आयकर से टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की तारीख बढ़वाने के लिए कर पेशेवरों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। इंदौर के चार्टर्ड अकाउंटेंट निलेश माहेश्वरी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता सीए ने हाई कोर्ट से मांग की है कि वह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को निर्देश दे कि वित्त वर्ष 2024-25 (निर्धारण वर्ष 2025-26) की टैक्स आडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि में वृद्धि की जाए।
अभी अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 है। बीते वर्षों आयकर विभाग नान-कॉर्पोरेट आयकर रिटर्न (आईटीआर) की अंतिम तिथि के बाद टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कम से कम 60 दिन का समय देता रहा है। इस बार टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सिर्फ 14 दिन का समय नान कॉर्पोरेट आईटीआर के बाद दिया गया है।
30 प्रतिशत ऑडिट रिपोर्ट की दाखिल हो सकती है
देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट संगठनों और टैक्स बार एसोसिएशन लगातार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से समयसीमा 30 नवंबर 2025 तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। याचिकाकर्ता इंदौर के सीए माहेश्वरी कहते हैं कि खेदजनक है कि लगातार मांग और व्यावहारिक परेशानी के बाद भी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड या वित्त मंत्री ऑडिट रिपोर्ट की तारीख बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहे। जबकि ताजा स्थिति में बमुश्किल 30 प्रतिशत ऑडिट रिपोर्ट ही दाखिल हो सकती है। इतने कम समय में शेष करीब 70 प्रतिशत ऑडिट रिपोर्ट दाखिल होना संभव नहीं है।
सरकार की अपेक्षा के अनुसार इतने कम समय में गुणवत्तापूर्ण ऑडिट ही संभव नहीं है। यह पूरा महीना और आने वाले माह में बड़े त्योहार भी हैं। ऐसे में चार्टर्ड अकाउंटेंट और व्यापारी त्योहार व व्यापार छोड़कर सिर्फ ऑडिट की तैयारी करते रहें, यह भी संभव नहीं है। ऑडिट की तारीख बढ़ाने से सरकार को किसी तरह का राजस्व का नुकसान भी नहीं होना है, इसके बाद भी तारीख नहीं बढ़ाना सिर्फ मनमानी ही है। दायर याचिका पर सुनवाई 26 सितंबर को होने की संभावना है। याचिका में तर्क दिया गया है कि आयकर पोर्टल पर तकनीकी दिक्कत और व्यक्तिगत रिटर्न में समय बढ़ाने पर सरकार सहमत हुई लेकिन टैक्स ऑडिट के लिए आवश्यक समय नहीं दिया जा रहा है।
याचिका के बीच ही इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने भी केंद्र को पत्र लिखकर तारीख बढ़ाने की मांग की है। टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने बताया कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में क्लाइंट के वर्षभर के सभी महत्वपूर्ण वित्तीय विवरणों का ऑडिट कर डिटेल्ड रिपोर्ट ऑनलाइन फाइल करनी होती है।
आयकर के पोर्टल से जीएसटी सहित अन्य पोर्टल पर रियल टाइम डेटा शेयरिंग होने से जरा-सी भी चूक से क्लाइंट को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कई ज्ञापनों के बाद सरकार तारीख बढ़ाने के मूड में नहीं दिख रही, ऐसे में यह जनहित याचिका ऑडिटर्स तथा व्यापारियों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर आई है।