नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एमवायएच में चूहों के कुतरने से हुई नवजातों की मौत के मामले में मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया और याचिका दायर कर ली। न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति जेके पिल्लई की युगलपीठ ने राज्य शासन से मामले में जवाब तलब किया है।
कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह 15 सितंबर या इससे पहले स्टेटस रिपोर्ट पेश करे। सरकार बताए कि आखिर मामले में चल क्या रहा है? वर्तमान स्थिति क्या है? इस मामले में अब तक किन जिम्मेदारों के खिलाफ और क्या कार्रवाई की गई?
बता दें, एमवाय अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एनआइसीयू में भर्ती धार और देवास जिले के दो नवजातों की अंगुलियां और अन्य अंग चूहों ने कुतर दिए थे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इंदौर से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार को घेरा था।
इस बीच, मामले में जांच कर रही राज्य स्तरीय समिति ने बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी को सौंप दी। इसमें प्रथमदृष्टया घटना के वक्त प्रभारी विभागाध्यक्ष रहे डॉ. मनोज जोशी की लापरवाही सामने आने के बाद उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया।
इसके अलावा विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजेश लाहोटी को भी हटा दिया गया है। उनके स्थान पर डॉ. अशोक लड्ढ़ा को प्रभार सौंपा गया है। जांच रिपोर्ट उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल को भी भेजी गई है। राज्य स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट में एमवायएच में पेस्ट कंट्रोल करने वाली एजाइल कंपनी की लापरवाही भी सामने आई है।
इधर बुधवार को एमवाय अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव 15 दिन की लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। डीन को लिखे पत्र में उन्होंने छुट्टी की वजह स्वास्थ्य कारणों को बताया है। डॉ. यादव ने एमवाय अस्पताल अधीक्षक का प्रभार निश्चेतना विभाग के प्राध्यापक डॉ. बसंत निगवाल को सौंपा है। इसी तरह सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल अधीक्षक का प्रभार प्राध्यापक डॉ. सुमित सिंह और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग का प्रभार डॉ. रामू ठाकुर को सौंपा गया है।
जांच में यह राजफाश भी हुआ है कि एमवायएच में रोडेंट कमेटी की बैठक होती ही नहीं है, जबकि यह बैठक हर माह होना आवश्यक है। रोडेंट कंट्रोल कमेटी की बैठक में इस बात पर विचार होता है कि कुतरने वाले चूहे, गिलहरी आदि से मरीजों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। अस्पताल में इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी की बैठक भी आयोजित नहीं होती है।
मामले में पेस्ट कंट्रोल और सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाली एजाइल कंपनी पर भी कार्रवाई के लिए कहा गया है। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मुख्य ठेकेदार कंपनी एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विस लिमिटेड को निर्देश दिए हैं कि वह एजाइल का अनुबंध निरस्त करें।
एमजीएम से जुड़े सभी अस्पतालों और विभागों में पेस्ट कंट्रोल कार्यों के प्रगति की समय-समय पर जानकारी के प्रबंधन और समस्या के निराकरण के लिए डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने पांच सदस्यीय समिति बनाई है। जिसमें डॉ. शेनल कोठारी, डॉ. राजीव लोहोकारे, डॉ. योगिता दीक्षित, डॉ. प्रियंका कियावत और डॉ. पंकज पाराशर को शामिल किया गया है।