नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। मां का प्यार हर मुश्किल में संबल बन जाता है। ऐसा ही उदाहरण इंदौर में देखने को मिला, जहां 72 साल की बुजुर्ग मां ने अपने 46 वर्षीय बेटे को किडनी देकर उसे नया जीवन दिया। बेटे की दोनों किडनियां तीन साल पहले खराब हो गई थीं।
लंबे इलाज और डायलिसिस के बाद आखिरकार मां ने अपने बेटे को किडनी दान की। ऑपरेशन सफल रहा। अब मां-बेटे दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं। यह ट्रांसप्लांट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हुआ। अस्पताल में अब तक कुल तीन किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। तीनों में मां ने ही अपने बेटों को किडनी दी है।
परिवार ने जानकारी दी कि बेटे कमलेश की तबीयत 2022 में अचानक बिगड़ने लगी थी। उन्हें हाथ-पैर में दर्द और पेशाब करने में परेशानी होती थी। जांच में पता चला कि दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। उसके बाद उनका करीब एक साल तक डायलिसिस चला। परिवार ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि आयुष्मान योजना के तहत सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है।
डॉक्टरों ने परिवार की काउंसलिंग की। उन्हें बताया कि यदि कोई परिजन ब्लड ग्रुप और स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयुक्त है, तो वह किडनी दान कर सकता है। बेटे की जान बचाने के लिए मां ने आगे बढ़कर किडनी डोनेट करने की बात कही। सफल सर्जरी के बाद दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया। उम्रदराज दाता से भी अगर सभी चिकित्सीय जांचें सही हों, तो ट्रांसप्लांट सफल हो सकता है।