
MPBSE MP Board Result 2023: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो आपको कोई बाधा रोक नहीं सकती। इस बात चरितार्थ करती है इन मूक-बधिर बच्चों को कहानी। शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर इन बच्चों ने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई परिभाषा लिखी है। सभी विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा को न सिर्फ पास किया है बल्कि अच्छे अंक प्राप्त करके यह साबित कर दिया कि वह किसी से कम नहीं।
सेक्टर बी, स्कीम नंबर 78 स्थित मूक-बधिर संगठन में मूक-बधिर बच्चों ने शानदार परीक्षा परिणाम प्राप्त कर अपने हौसले को मानो आसमान पर पहुंचा दिया है। इनमें कक्षा 10वीं-12वीं और 5वीं-8वीं के छात्र शामिल हैं। कक्षा 12वीं के कामर्स ग्रुप में कृष्णा जायसवाल और अभिषेक राज ने विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है और स्वागत बिछाड़िया ने आर्ट विषय में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। वहीं कक्षा 10वीं में अनमोल गुप्ता ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
संगठन की प्रबंधक वर्ग प्रतिनिधि डा. उषा पंजाबी ने बताया कि कक्षा पांचवीं एवं आठवीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा है। स्कूलों में पढ़ाई करने के बावजूद विद्यार्थियों ने पांच-सात घंटे सेल्फ स्टडी की है। किसी विषय में तकलीफ आने पर शिक्षकों से मार्गदर्शन लेते थे। उन्होंने बताया कि 12वीं पास कर चुके विद्यार्थियों की अब स्नातक पाठ्यक्रम को लेकर काउंसलिंग करेंगे। उसके आधार पर वे पाठ्यक्रम में प्रवेश लेंगे। इधर, दसवीं पास करने वाले विद्यार्थियों को विषय की भी चयन करने में मदद करेंगे।
परिवार से दूर इंदौर में पढ़ने के लिए आए अभिषेक राज ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अभिषेक बचपन से सुन नहीं सकते, लेकिन पढ़ने का जुनून है। इसीलिए उनके परिवार ने उन्हें बिहार से इंदौर बेहतर शिक्षा के लिए भेजा है। अभिषेक ने सांकेतिक भाषा के जरिए परीक्षा की तैयारी की और सफलता हासिल की। वह आगे चलकर प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं।
स्वागत बिछाड़िया ने आर्ट विषय में 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है। स्वागत की आर्ट के क्षेत्र में प्रतिभा सराहनीय है। वह राज्य स्तर की प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले चुके हैं। अब वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते हैं इसलिए उन्होंने आर्ट विषय को चुना। मूक व बधिर स्वागत का हौसला उनकी उम्र से भी बड़ा है।
अपनी कमजोरी को भुलाकर दूसरों के सहयोग के लिए खड़े रहने वाले अनमोल गुप्ता ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वह आगे चलकर सीए बनना चाहते हैं और इसीलिए वह कामर्स विषय को चुनकर आगे की पढ़ाई करेंगे। अनमोल हर चीज को सीखने में आगे रहते हैं। वे सांकेतिक भाषा को बेहतर समझते हैं और उसी के जरिए तैयारी करते हैं।
विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले कृष्णा जायसवाल बचपन से सुन नहीं सकते। सांकेतिक भाषा की सहायता से उन्होंने 12वीं की पढ़ाई की। कृष्णा पढ़ने में बहुत होशियार हैं और प्रशासनिक सेवा में जाकर देश व परिवार का नाम रोशन करना चाहते हैं। वे कहते हैं-अपने लिए जिए तो क्या जिए, मुझे तो देश व परिवार के लिए जीना है।
मन की आंखों से पढ़कर इंदौर की बेटी दिवी खरे ने दसवीं में 83.9 प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं। दिवी की आंखों में रोशनी नहीं है, लेकिन वह अपने जीवन के अंधकार को मिटाने के लिए काफी मेहनत कर रही हैं। उन्होंने राइटर की मदद से परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की। दिवी बताती हैं कि वह आगे चलकर यूपीएससी की तैयारी करेंगी तथा प्रशासनिक सेवा में जाकर देश की सेवा करेंगी। दिवी के पिता एसके खरे बताते हैं कि जब वह करीब डेढ़ साल की उम्र में थी, तब एक बार उसे मस्तिष्क ज्वर हुआ था। उस तीव्र ज्वर का कुप्रभाव यह हुआ कि उसकी दृष्टि चली गई। वह चल भी नहीं पाती। तबसे उसकी मां स्मिता खरे विशेष ध्यान तो रखती ही हैं, पढ़ाती भी वही हैं।
कलेक्टर डा. इलैया राजा टी ने मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं कक्षा की परीक्षा में इतिहास रचने वाली मूक, बधिर और दृष्टि दिव्यांग गुरदीप का हौसला बढ़ाया। इस बालिका ने कठोर परिश्रम और हौसले से 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर साबित कर दिया है कि वह किसी से कम नहीं। कलेक्टर ने इस बालिका गुरदीप को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी। उन्होंने बालिका को कहा कि आगे की पढ़ाई में भी हरसंभव मदद दी जाएगी।