कपीश दुबे, नईदुनिया इंदौर। मध्य प्रदेश के क्रिकेट की राजनीति में सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी की आमद अब तय हो चुकी है। महानआर्यमन सिंधिया मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) के आगामी चुनाव में अध्यक्ष पद के अकेले दावेदार हैं, जिससे उनका निर्विरोध चुना जाना तय है। इसके साथ ही मात्र 29 साल की उम्र में वे एमपीसीए के 68 साल के इतिहास में सबसे युवा अध्यक्ष होंगे।
इस मामले में वे अपने ही पिता केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कीर्तिमान तोड़ने जा रहे हैं। अब तक एमपीसीए के सबसे युवा अध्यक्ष का रिकॉर्ड ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम था, जो 35 वर्ष की आयु में अध्यक्ष बने थे। एमपीसीए की चुनावी वार्षिक साधारण सभा की बैठक दो सितंबर को होना है। नामांकन शनिवार को जमा हुए। महानआर्यमन के खिलाफ किसी ने भी नामांकन नहीं भरा है।
वे वर्ष 2022 से ग्वालियर संभागीय क्रिकेट संगठन के उपाध्यक्ष भी हैं। बीते दो साल से मध्य प्रदेश क्रिकेट लीग के माध्यम से महानआर्यमन ने अपनी प्रशासनिक क्षमताओं को साबित करने का प्रयास किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्ष 2006 में पहली बार अध्यक्ष बने थे, तब उनकी उम्र 35 वर्ष थी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले उनके पिता स्व. माधवराव सिंधिया ने 37 वर्ष की उम्र में पहली बार एमपीसीए के अध्यक्ष की कुर्सी संभाली थी। एमपीसीए के पहले अध्यक्ष मनोहर सिंह मेहता थे, जिन्होंने 1957 में पद संभाला था।
सिंधिया परिवार की तरह कनमड़ीकर परिवार की भी तीसरी पीढ़ी क्रिकेट की राजनीति में आ रही है। कानूनविद प्रसून कनमड़ीकर के खिलाफ भी प्रबंधकारिणी में कोई विरोधी नहीं है। उनके पिता स्व. मिलिंद कनमड़ीकर एमपीसीए के सचिव रहे हैं जबकि दादा स्व. अनंतवागेश कनमड़ीकर बीसीसीआई के सचिव के साथ एमपीसीए के वरिष्ठ पदों पर रहे हैं।
कोषाध्यक्ष पद के लिए संजीव दुआ का चयन भी तय है क्योंकि वे अकेले दावेदार हैं। उनके पिता नरेंद्र दुआ और भाई राजीव दुआ दोनों सदस्य हैं, लेकिन संजीव अब तक संगठन के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने सीसीआई के प्रतिनिधि के रूप में नामांकन दाखिल किया है।