MPPSC 2019 Results नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। चार साल से अधर में लटकी राज्यसेवा परीक्षा-2019 का अंतिम परिणाम और चयन सूची मंगलवार देर रात जारी कर दी। मप्र लोकसेवा आयोग(पीएससी) द्वारा रातों-रात जारी किए इन परिणामों से अभ्यर्थी भी हैरान रह गए। कुल 571 पदों के लिए राज्यसेवा-2019 घोषित हुई थी। ताजा परिणाम में इन पदों के मुकाबले सिर्फ 87 प्रतिशत पदों के लिए परिणाम और चयन सूची घोषित की गई है। इस तरह पीएससी ने सिर्फ 472 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की है। सतना की प्रिया पाठक टापर बनी हैं।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग
राज्य सेवा परीक्षा 2019 चयन सूची।
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— JD Jansampark Indore (@jdjsindore) December 27, 2023
पीएससी द्वारा घोषित नतीजों में कुल 24 डिप्टी कलेक्टर, 19 डीएसपी, 17 कोषालय अधिकारी समेत वाणिज्यिककर अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, जिला पंजीयक जैसे पदों के लिए चयन सूची घोषित की है। इन तमाम पदों के लिए 87 प्रतिशत के अनुपात में ही चयन सूची जारी की गई है। शेष 13 प्रतिशत अभ्यर्थियों के नाम होल्ड पर रख दिए गए हैं। 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही शेष 13 प्रतिशत पदों के लिए परिणाम आएंगे। सिर्फ अधूरा रिजल्ट ही नहीं बल्कि राज्यसेवा-2019 के साथ एक अनोखा संयोग और विवाद भी जुड़ गया है।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की राज्य सेवा परीक्षा-2019 में सफलता प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों तथा उनके अभिभावकों को हृदय से बधाई।
मुझे विश्वास है कि सफल होने वाले अभ्यर्थी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ प्रदेश व देश के विकास में अपनी महती भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही… https://t.co/YDe90UWECB
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 27, 2023
यह अकेली चयन प्रक्रिया है जिसमें दो अलग-अलग मुख्य परीक्षाएं ली गई और उस आधार पर एक रिजल्ट जारी किया गया। इससे पहले पीएससी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट दो बार बदल चुका है। साथ ही इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों की सूची भी बदली गई है। चयन प्रक्रिया को लेकर कोर्ट में प्रकरण लंबित है। इसी चयन प्रक्रिया और एक चयन के लिए अलग-अलग परीक्षाएं लेने व नार्मलाइजेशन के फार्मूले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं लग चुकी है।
बीते दिनों तक हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के जरिए 389 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल करने का आदेश दिया था। यह आदेश अगस्त में आया था। पीएससी इसके खिलाफ फिर कोर्ट में गया। पीएससी ने कहा कोर्ट ने पुराने आदेश को रद कर दिया। इसके बाद पीएससी ने विधिक राय की प्रक्रिया की। तुरत-फुरत में मंगलवार रात 11 बजे बाद रिजल्ट को पीएससी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया।
नार्मलाइजेशन गलत
इस बीच अभ्यर्थियों ने पीएससी पर आरोप लगाया है कि हाई कोर्ट से भी आयोग ने तथ्य छुपाए हैं। दरअसल, इसी परीक्षा पर तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में चल रही हैं। ऐसे में पीएससी ने उसकी जानकारी स्थानीय हाई कोर्ट को नहीं दी। जब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है तो पीएससी हाई कोर्ट कैसे जा सकता है? अभ्यर्थी आकाश पाठक के अनुसार सबसे बड़ी गड़बड़ी नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया में हुई है। पूर्व में हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि पीएससी को दोनों मुख्य परीक्षाओं के चयनित अभ्यर्थियों के बीच नार्मलाइजेशन करना है। पीएससी ने इससे इतर जाकर पूर्व में हुई मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 10767 से ज्यादा अभ्यर्थियों को नार्मलाइजेशन में शामिल कर लिया। इससे हुआ यह कि जो पूर्व में मुख्य परीक्षा में फेल थे, वैसे 210 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए चयनित दिखा दिए गए, जबकि पूर्व में चयनित 389 अभ्यर्थी इंटरव्यू से बाहर कर दिए गए। वे कोर्ट से आदेश लेकर आए लेकिन उनकी परीक्षा नहीं ली गई। ये अभ्यर्थी हक के लिए लड़ रहे हैं पीएससी अपनी गलती छुपाने के लिए मनमानी कर रहा है।
टापर में 10 में सात लड़कियां
87 प्रतिशत के आधार पर जारी ताजा परिणाम के अनुसार प्रिया पाठक राज्यसेवा-2019 की टापर बनी है। इनके बाद सूची में शिवांगी बघेल, पूजा सोनी, राहुल कुमार पटेल, निधि मिश्रा, हरनीतकौर कलसी, सौरभ मिश्रा, सलोनी अग्रवाल, रीतिका पाटीदार, आशुतोष महादेवसिंह ठाकुर के नाम है।इस तरह टाप टेन में सात लड़कियां हैं।