आईएमए के कार्यक्रम में कॉर्पोरेट ट्रेनर अंबर अरोंदेकर ने दीं कॉर्पोरेट्स को तनाव से दूर रहने की टिप्स
इंदौर। नईदुनिया रिपोर्टर
आज हर व्यक्ति तनाव से घिरा है और यही हमारी सफलता में सबसे बड़ी बाधा साबित हो रहा है। जब तक हम अपने दिमाग को इतना स्ट्रॉन्ग नहीं बनाएंगे कि छोटे-छोटे स्ट्रेस, प्रेशर और चैलेंज का इस पर कोई असर न हो, तब तक हम सफल नहीं हो सकते। खास तौर पर बिजनेस में सफलता में इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। मेंटल टफनेस का अभिप्राय किसी भी परिस्थिति में परेशानियों का सामना कर अपनी क्षमताओं का सर्वोत्तम उपयोग कर लगातार काम करते रहना है।
यह बात कॉर्पोरेट ट्रेनर अंबर अरोंदेकर ने गुरुवार को इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा 'मेंटल टफनेस फॉर बिजनेस सक्सेस' विषय पर कॉर्पोरेट्स के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला 'इवॉल्यूशन फॉर एक्सीलेंस' के दौरान कही। एमपी क्रिकेट एसोसिएशन में मेंटल टफनेस ट्रेनर के रूप में काम कर चुके अरोंदेकर कहते हैं स्पोर्ट्स में हर दिन परफॉर्म नहीं करना होता, लेकिन ट्रेनिंग और प्रैक्टिस हर दिन होती है, जबकि कॉर्पोरेट सेक्टर में हर दिन परफॉर्म करना होता है, लेकिन उनकी ट्रेनिंग कम होती है। मेंटल टफनेस जितनी स्पोर्ट्स पर्सन के लिए जरूरी है उतनी ही कॉर्पोरेट्स के लिए भी।
बोरिंग काम को बार-बार करना आपको सफलता दिलाएगा
अधिकांश लोग एक ही तरह के काम को लगातार करने से बोर हो जाते हैं, लेकिन कामयाबी के लिए इस तरह के काम को बार-बार करना जरूरी है। बोरिंग चीजों में त्वरित खुशी नहीं मिलती, इसलिए 90 फीसदी लोग भागने की कोशिश करते हैं। सफलता का कोई जादुई फॉर्मूला नहीं होता। बोरिंग काम को ही लगातार हर परिस्थिति में करने के लिए आपको खुद को मेंटली टफ बनाना होता है। मेंटली कमजोर लोग काम शुरू ही नहीं करते या बीच में ही छोड़ जाते हैं।
उन्होंने लता मंगेशकर का उदाहरण देकर बताया कि उन्हें रियाज की जरूरत नहीं है, फिर भी उन्होंने लगातार रियाज किया। जब आप छोटी-छोटी बोरिंग चीजें लगातार करेंगे, तभी आपको सफलता मिलेगी।
सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं
कामयाबी का रास्ता दिलचस्प हो तो अच्छा है, लेकिन जरूरी नहीं कि वो हमेशा ऐसा ही हो। आज आईटी युग में बिजनेस एट द स्पीड ऑफ थॉट की बात की जा रही है और इसके लिए लोग शॉर्ट कट ढूंढ रहे हैं, लेकिन सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं हो सकता। ऐसे संगठन में जहां बॉस मेंटली स्ट्रॉन्ग नहीं होते वहां के कर्मचारियों के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- शॉर्ट टर्म स्ट्रेसर्स का सामना करने के लिए लॉन्ग टर्म विजन और धैर्य जरूरी है।
-दिमाग की सही दिशा में प्रोग्रामिंग आपको मेंटल स्ट्रेंथ प्रदान कर सकती है।
-मेंटल स्ट्रेंथ कर्मचारी की उत्पादन क्षमता बढ़ाती है।
- परफॉर्मेंस को कंट्रोल करने के लिए अपने इमोंशस पर कंट्रोल रखें।
-हर दिन प्रैक्टिस करें।