विवेक पाराशर, मालवा-निमाड़। मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी कही जाने वाली जिस नर्मदा नदी की जयंती जगह-जगह श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई जाती है, उसी पुण्य सलिला का आंचल हर दिन सीवरेज के गंदे पानी से मैला किया जाता है। आमजन से लेकर जिम्मेदार तक कई बार यह संकल्प ले चुके हैं कि गंदे पानी को नर्मदा में मिलने से रोका जाएगा। बड़ी-बड़ी योजनाएं भी बनाई गईं लेकिन ये पूर्ण नहीं हो पाईं। जिला मुख्यालय बड़वानी सहित सेंधवा में भी करोड़ों के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्वीकृति के बाद से ही फंड की कमी का सामना कर रहे हैं और अभी काम बंद ही है। परिणामस्वरूप रोजाना लाखों लीटर गंदा पानी नदी में मिल रहा है। बावजूद कोई देखने वाला नहीं। बड़वानी जिला मुख्यालय के स्वीकृत सीवरेज प्रोजेक्ट में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नौ एमएलडी अर्थात 90 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का लगाया जाना प्रस्तावित है, लेकिन करीब 105 करोड़ के प्रोजेक्ट का कार्य बंद होने से यह गंदगी प्रतिदिन नर्मदा में मिल रही है।
इसी तरह अंजड़, तलवाड़ा, राजपुर, ठीकरी आदि क्षेत्रों से होकर बहने वाली नदियों व नालों से गंदा पानी बहकर नर्मदा में मिल रहा है। इसे रोकने के लिए जर्मनी की बैंक की मदद से सीवरेज प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन काम पूर्ण न होने और लंबे समय से बंद होने से इनकी फिलहाल कोई उपयोगिता नहीं है। मामले में जिम्मेदार आंखें बंद कर बैठे नजर आ रहे हैं।
सीवरेज प्रोजेक्ट का कार्य लेने वाली कंपनी काम नहीं कर पा रही है। इसकी जानकारी सामने आई है। इसे लेकर शासन को वस्तुस्थिति से अवगत कराकर समस्या निराकरण के लिए मार्गदर्शन मांगा जाएगा, वहीं कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। -शिवराज सिंह वर्मा, कलेक्टर, बड़वानी
जिलों में नर्मदा का हाल...
महेश्वर और मंडलेश्वर
खरगोन जिले के नर्मदा तट पर बसे महेश्वर, मंडलेश्वर सहित अन्य गांवों से निकलने वाला गंदा पानी नर्मदा नदी में मिल रहा है। महेश्वर में तीन प्रमुख नाले नर्मदा में मिल रहे हैं। इस प्रकार मंडलेश्वर में यहीं स्थिति है। महेश्वरी नदी किनारे लगने वाली मांस दुकानों का गंदा पानी भी नदी के माध्यम से नर्मदा में मिलता है। इन नगरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्वीकृत हैं, इनका काम चल रहा है।
ओंकारेश्वर
खंडवा के ओंकारेश्वर में ही नर्मदा नदी प्रदूषित (मैली) हो रही है। यहां गोमुखघाट पर ही नालियों का पानी सीधे नदी में मिल रहा है। नालियों और शौचालयों का पानी नर्मदा में मिलने से रोकने के लिए नगर में 11 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा वर्ष 2018 से किया जा रहा है। निर्माण की समयावधि पूरी हो जाने से एक वर्ष का एक्सटेंशन लिया गया है।
धरमपुरी
धार जिले के करीब 18 हजार आबादी वाले धरमपुरी का गंदा पानी नालों से नर्मदा में मिल रहा। नालों के पानी को उपचारित करने के लिए चल रहे सीवरेज का काम ढाई वर्ष बीतने के बाद पूरा नहीं हो पाया। यह काम एक वर्ष में पूर्ण होना था। एजेंसी परियोजना क्रियान्वयन इकाई है। प्रोजक्ट 21 करोड़ रुपये है।