Narsingh Manifest Day : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर के 350 साल पुराने नृसिंह बाजार स्थित नृसिंह मंदिर में नृसिंह प्रकट दिवस पर शनिवार को आस्था का उल्लास नजर आया। कोरोना के दो साल बाद फिर नृसिंह प्रकट दिवस महोत्सव में शामिल होने हजारों भक्त उमड़े। नर हरि नंदलाल...भजो नृसिंह गोपाल के जयघोष के बीच शाम ढलने के बाद भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु का आधे नर और आधे सिंह भगवान नृसिंह के रूप में जैसे ही खंब फाड़कर प्रकट हुए तो आयोजन स्थल जय नृसिंह के जयघोष से गूंज उठा। इस दृश्य को अपने मोबाइल में कैद करने के लिए हर कोई आतुर था। मौजूद भक्तों का कहना था इससे पहले ऐसा उत्साह नहीं देखा।
मप्र के इंदौर के राजवाड़ा स्थित नृसिंह मंदिर में भगवान नृसिंह प्रकट दिवस पर उमड़ी भक्तों की भीड़ pic.twitter.com/PKa7A1FGwQ
— NaiDunia (@Nai_Dunia) May 14, 2022
भगवान के प्राकट्य उत्सव में शामिल होने मंदिर में शाम 4 बजे से भक्तों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था। सबसे पहले डाकन शंडा-भूषण्डा की सवारी निकली। फिर एक के बाद एक हनुमानजी, गणेशजी, ब्रह्मा , विष्णु भगवान की सवारी जयघोष के साथ निकाली गई। शाम 6.30 बजे बाद हिरण्यकश्यप की सवारी निकली। शाम 7 बजे वह वक्त आया जिसके लिए हजारों भक्त मंदिर पर एकत्रित हुए थे। भक्तों के बीच आस्था का केंद्र भगवान नृसिंह का 250 साल पुराना मुखौटा जैसे ही बाहर लाया गया, भक्तों का उत्साह चरम पर पहुंच गया।
शोभायात्रा ने चार परिक्रमा लगाई - भगवान नृसिंह की शोभायात्रा ने नृसिंह मंदिर से सीतलामाता बाजार तक चार परिक्रमा लगाई। इसके बाद आरती व प्रसाद वितरण हुआ। पुजारी छोटेलाल शर्मा ने बताया कि सुबह भगवान की प्रभातफेरी निकाली गई और भगवान को फूल बंगले में विराजित किया गया। आचार्य मोहित शर्मा के सान्निध्य में 21 वैदिक विद्वानों के द्वारा भगवान लक्ष्मी नृसिंह का अभिषेक हुआ। बसंत कुमार खटोड़ महाराज द्वारा प्रहलाद चरित्र की प्राकट्य कथा का वाचन किया गया। इस अवसर पर विधायक मालिनी गौड़, गिरधर नागर, गोपीकृष्ण नेमा, राजसिंह गौर,राजेश मूंगड़ आदि मौजूद थे।
रथ पर विराजे अष्टधातु के भगवान नृसिंह - जांगड़ा पोरवाल पंचायती सभा द्वारा नृसिंह मंदिर छत्रीबाग में मंदिर प्रांगण से भगवान की शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा मे भगवान को सुसज्जित रथ में विराजित किया गया। यात्रा नृसिंह बाजार, सांठा बाजार, बजाजखाना, मारोठिया, छत्रीबाग होते हुए वापस मंदिर पहुंची और महाआरती हुई। शोभायात्रा पश्चात महाआरती कर भोजन प्रसादी हुई।