कपिल नीले, नईदुनिया, इंदौर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत आने वाले स्नातक पाठ्यक्रम की परीक्षा स्कीम में उच्च शिक्षा विभाग ने बदलाव किए हैं। भले ही विषयों की संख्या कम नहीं हुई है, लेकिन मेजर-माइनर ग्रुप से विषय में बदलाव किया गया है। साथ ही फाउंडेशन ग्रुप से अलग कर योग और पर्यावरण विषय का नया ग्रुप रखा गया है।
विभाग ने यह परीक्षा स्कीम 2025-26 सत्र से स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए लागू कर दी है। नई परीक्षा स्कीम आने से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक संस्थानों को अवगत करा दिया है। अधिकारियों के मुताबिक अब मुख्य और आंतरिक परीक्षा में न्यूनतम अंक निर्धारित कर दिए हैं, जिसमें 70 में से 23 अंक मुख्य और 30 में से 10 अंक आंतरिक में विद्यार्थियों को लाना अनिवार्य किया गया है।
2020-21 सत्र से स्नातक पाठ्यक्रम में एनईपी लागू की गई, जिसमें बीए, बीएससी, बीकाम सहित अन्य स्नातक पाठ्यक्रम को शामिल किया गया। उस दौरान वाणिज्य, कला और विज्ञान संकाय के विषयों की संख्या लगभग 108 रखी गई थी। छात्र-छात्राओं को 2 मेजर और 1 माइनर विषय चुनना होते थे। अंग्रेजी, हिन्दी, योग और पर्यावरण को मिलकर 4 विषयों का फाउंडेशन ग्रुप बनाया गया था। जबकि 1-1 वोकेशनल और इलेक्टिव विषय चुनना होता था। इन्हें मिलकर प्रत्येक विद्यार्थी को सालभर में नौ विषयों की परीक्षा देना पड़ती थी।
चार साल बाद अब उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक परीक्षा स्कीम में अध्यादेश 14 (1) के तहत बदलाव किया है, जिसमें 3 मेजर, 2 माइनर, फाउंडेशन (हिंदी-अंग्रेजी), वैल्यू एडेड (योग और पर्यावरण) और एक-एक इलेक्टिव व वोकेशनल विषय रखा गया है। अधिकारियों के मुताबिक परीक्षा स्कीम में बदलाव होने के बाद विद्यार्थियों को अपने संकाय से जुड़े तीन-तीन मुख्य यानी मेजर विषय चुनना होंगे, जो वाणिज्य, विज्ञान और कला संकाय से संबंधित होंगे।
परीक्षा स्कीम के साथ ही विभाग ने न्यूनतम अंक प्राप्त करने का नियम भी बदल दिया है। इससे विद्यार्थियों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञ प्रो. विमल शर्मा बताते हैं कि पहले जहां मुख्य परीक्षा में 70 नंबर का पेपर होता था, जिसमें न्यूनतम अंक की कोई बाध्यता नहीं रहती थी। 30 अंक का प्रोजेक्ट व आंतरिक परीक्षा रहती थी, जो कॉलेज स्तर पर करवाई जाती थी। दोनों को मिलकर विद्यार्थियों को 33 अंक प्राप्त करना होते थे।
ऐसी स्थिति में उत्तीर्ण माना जाता था। मगर नए नियमों के आधार पर 70 नंबर वाले पेपर में विद्यार्थियों को 23 अंक लाना अनिवार्य है। उसके बाद ही उक्त विषयों में पास माना जाएगा। आंतरिक परीक्षा में 10 अंक अनिवार्य किए गए हैं। वे कहते हैं कि नए नियम से विद्यार्थियों को थोड़ी परेशानी होगी।
उच्च शिक्षा विभाग ने एनईपी वाले स्नातक पाठ्यक्रम में परीक्षा स्कीम में नए नियम रखे हैं, जिसमें मेजर-माइनर और फाउंडेशन विषय में बदलाव किया गया है। नए नियमों के अंतर्गत स्नातक प्रथम वर्ष की पढ़ाई करवाई जाएगी। इस संबंध में कॉलेज के शिक्षकों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। - डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक, डीएवीवी