इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि), Permission for Tubewell in Indore। यदि आप घर पर घरेलू और खेत पर कृषि उपयोग के लिए नलकूप (ट्यूबवेल) कराना चाहते हैं तो अब प्रशासन से अनुमति नहीं लेना पड़ेगी। इस छूट में सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठानों और केंद्रीय पुलिस बल और ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं को भी शामिल किया गया है। ट्यूबवेल कराने के लिए केवल प्रशासन को सूचनाभर देना होगा कि किस मशीन से कहां ट्यूबवेल कराया जा रहा है। पर शर्त रहेगी कि पंजीकृत बोरिंग मशीन से ही ट्यूबवेल कराना होगा। गैर रजिस्टर्ड मशीन से नलकूप कराया तो इसे अवैध माना जाएगा। इसके लिए बोरिंग मशीन के संचालक को जिला प्रशासन या नगर निगम के पास मशीन का पंजीयन कराना होगा। बोरिंग मशीन संचालक को यह भी बताना होगा कि वह किसके घर या खेत पर कहां ट्यूबवेल खनन कर रहा है। नगर निगम व प्रशासन द्वारा इसकी जानकारी केंद्रीय भू-जल बोर्ड के पोर्टल पर भी डाली जाएगी। इसका एक डाटा बेस तैयार किया जाएगा कि जिले में किस जगह, कितने ट्यूबवेल खोदे गए हैं।
इमारतों, ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को एनओसी जरूरी
केंद्रीय भू-जल बोर्ड भोपाल ने इंदौर प्रशासन व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के अधिकारियों के साथ बैठक की है। व्यक्तिगत तौर पर घरेलू उपयोग के लिए नलकूप खुदवाने पर तो अनुमति से छूट दी गई है, लेकिन नगरीय क्षेत्र में बहुमंजिला रिहायशी इमारतों, ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में नलकूप के लिए कालोनाइजर या बिल्डर को सीजीडब्ल्यूए से एनओसी लेना होगी।
ट्यूबवेल की अनुमति के नाम पर होता था भारी लेनदेन
किसी व्यक्ति को घर में ट्यूबवेल खुदवाने की अनुमति के लिए एसडीएम से अनुमति लेना पड़ती है। आवेदन महीनों तक एसडीएम कार्यालय में पड़ा रहता है। नियम-शर्तें पूरी करने के बावजूद अनुमति लेने में पसीना आ जाता है। इसी कारण कई लोग बिना अनुमति ट्यूबवेल कराते हैं। इसके नाम पर संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस भारी लेनदेन करती है। इसके कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।